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UP Election: कितनी परवान चढ़ेगी छोटे दलों की उड़ान

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए छोटे दलों के क्षत्रपों ने फिर कमर कस ली है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान हालांकि छोटे दलों को कोई खास सफलता नही मिली थी।

IANS
Published on: January 21, 2017 20:07 IST
प्रतिकात्मक तस्वीर- India TV Hindi
Image Source : PTI UP Election

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए छोटे दलों के क्षत्रपों ने फिर कमर कस ली है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान हालांकि छोटे दलों को कोई खास सफलता नही मिली थी। बावजूद इसके मंजिल की ओर उड़ान के लिए सबकी तैयारी दिख रही है, लेकिन यह कितनी परवान चढ़ेगी यह कह पाना मुश्किल है।

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पिछली बार कौमी एकता दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) एक साथ, जबकि अपना दल और पीस पार्टी एक गठबंधन से चुनाव में उतरे थे। महान दल ने कांग्रेस के साथ साझेदारी की थी, जबकि प्रगतिशील मानव समाज पार्टी (PMSP) ने भी चुनाव में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। पिछले चुनाव में पीस पार्टी को चार, अपना दल को एक और कौमी एकता दल को दो सीटें मिली थीं। वहीं, SBSP का खाता तक नहीं खुल पाया था। इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (IEMC) को एक सीट मिली थी। 

चुनावी लिहाज से देखें तो इस बार समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं। SBSP भाजपा के पाले में चली गई है, तो कौमी एकता दल ने सपा के साथ नजदीकियां बढ़ा ली और बाद में सपा में ही उनका विलय हो गया। चुनाव में टिकट को लेकर कौमी एकता दल के राष्ट्रीय सचिव अतर जमाल लारी ने  कहा, "सपा में विलय होने के बाद अब हमने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने सीटों की कोई मांग नहीं रखी है। उन्हें जहां से टिकट देना होगा, वहां से देंगे।"

इधर, अपना दल का अनुप्रिया पटेल वाला धड़ा भाजपा के साथ है। अपना दल के एक और सांसद अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष कुंवर हरिवंश सिंह भी अपने पुत्र के टिकट के लिए भाजपा का दरवाजा खटखटा रहे हैं, जबकि अपना दल कृष्णा पटेल गुट दूसरे मोर्चे पर गठबंधन की संभावनाएं तलाश रहा है। 

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआइएमआइएम) की स्थापना तो बहुत पहले हुई, लेकिन उत्तर प्रदेश में इसका उभार 2014 के लोकसभा चुनाव में हुआ। पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने यहां के खूब दौरे किए हैं। पार्टी ने अभी तक 11 उम्मीदवार घोषित किए हैं। 

एआईएमआईएम के लखनऊ प्रभारी साजिद हसमत ने कहा कि इस बार पार्टी का जनाधार बढ़ा है। पार्टी के मुखिया आवैसी ने बहुत सारे जलसे किए हैं और आगे भी कई जलसे आयोजित किए जायेंगे। पार्टी ने चुनाव के लिये रणनीति तैयार कर ली है और उसे उम्मीद से बेहतर सफलता मिलेगी।

उल्लेखनीय है कि 2012 के विधानसभा चुनाव में छोटे दलों की स्थिति पर गौर करें, तो कौमी एकता दल ने पूर्वाचल की 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल दो ही सीटों पर उन्हें सफलता मिली थी। पीस पार्टी पिछले चुनाव में 208 सीटों पर खड़ी हुई थी लेकिन उसके चार उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे। पिछले विधानसभा चुनाव में अपना दल ने 76 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे और इनका एक प्रत्याशी जीतने में कामयाब रहा था।

(SBSP) का हालांकि पिछले चुनाव में खाता नही खुला। इस पार्टी ने उप्र चुनाव में 52 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए। लेकिन इस पार्टी को महज 0.63 प्रतिशत वोट ही मिल पाया। इसी तरह महान दल ने भी 74 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन इनका भी एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया। 

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