नयी दिल्ली: जिस कंपनी के खिलाफ चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश में एक्जिट पोल करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है उसने आज दावा किया कि उस पर गलत आरोप लगाया गया है, जिससे उसे अनावश्यक शर्मिंदा होना पड़ रहा है।
संपर्क किए जाने पर चुनाव आयोग ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना कर दिया और कहा कि चुनाव आयोग ने मीडिया खबरों के आधार पर कार्रवाई की और पुलिस को इसकी जांच करनी है।
हिंदी दैनिक और एजेंसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का चुनाव आयोग के आदेश देने के बाद रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राजीव गुप्ता ने कहा कि उनकी फर्म का एक्जिट पोल से कुछ भी लेना-देना नहीं है।
गुप्ता ने कहा कि उनका संगठन एक प्रबंधन परामर्श कंपनी है जो रणनीतिक परामर्श देने का काम करती है और किसी भी तरह एक्जिट पोल जैसी चुनाव संबंधी गतिविधियों में शामिल नहीं है।
उन्होंने एक वक्तव्य में कहा, ऐसा लगता है कि कोई और आरडीआई है जिसके साथ रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को जोड़ा जा रहा है, जिससे उसे अनावश्यक शर्मिंदा होना पड़ रहा है और रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की कॉरपोरेट छवि को अपूरणीय क्षति हुई है।
चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से मना करते हुए कहा कि संगठन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश तब जारी किया गया जब हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण ने रिसोर्स डेवलपमेंट इंटरनेशनल (आरडीआई) के एक्जिट पोल का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि अब पुलिस को मामले की जांच करनी है।
कंपनी ने दावा किया कि आयोग ने स्रोत की जांच किए बिना मीडिया खबर के आधार पर उसके प्रबंधन के खिलाफ गलत तरीके से कानूनी कार्रवाई शुरू की है।