लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में आज पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 ज़िलों की 73 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। मुख्य मुकाबला कांग्रेस-सपा गठबंधन, बीजेपी और बीएसपी के बीच है।
73 विधानसभा सीटों पर कुल 839 उम्मीदवारों का राजनीतिक भविष्य का फ़ैसला 2.6 करोड़ मतदाता करेंगे। उम्मीदवारों में 77 महिलाएं हैं। वोटरों में 1.42 करोड़ पुरुष, 1.17 करोड़ महिलाएं और 1,508 तीसरे लिंग के हैं। 14,514 मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए 1526 डिजिटल और 2857 विडियो कैमरे लगाए गए हैं।
हेलिकॉपटर और ड्रोन कैमरों से मतदान केंद्रों की निगरानी की जाएगी। पहली बार किसी भी आपात स्थिति से निबटने के लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। शुक्रवार रात से जिलों की सीमाएं सील कर दी गई हैं। ऑब्जर्वर हर 15 मिनट में पोलिंग बूथ का दौरा करेंगे।
पहली बार हेलिकॉप्टर ऐंबुलेंस की सुविधा
चुनावों में पहली बार एयर ऐंबुलेंस की सुविधा मुहैया उपलब्ध कराई जा रही है। मेरठ को नोडल सेंटर बनाया गया है। डीएम बी.चंद्रकला ने बताया कि एक हेलिकॉप्टर ऐंबुलेंस परतापुर एयर पोर्ट पर तैनात रहेगी। प्रथम चरण मतदान वाले 15 जिलों में चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों, कर्मचारियों या पुलिस फोर्स के साथ किसी तरह का हादसा होने पर एयर एंबुलेंस की सहायता ली जाएगी। इसके अलावा मतदान केंद्रो के पास स्थित सीएचसी, पीएचसी समेत सभी अस्पतालों पर भी इलाज की सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम
मतदान को निष्पक्ष व शांतिपूर्ण कराने के लिए तीन स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए पीएसी, आरएएफ, अद्धसैनिक बल व अन्य जनपदों से बुलाई गई पुलिस को भी तैनात किया गया है। पहले चरण के मतदान के लिए 826 कंपनी केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है। शुक्रवार शाम चार बजे तक सभी बूथों एवं केंद्रों को सीपीएमएफ के हवाले कर दिया गया। होटल, लॉज, विश्राम गृह, कल्याण मंडप व सामुदायिक केंद्रों की जांच कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि वहां कोई बाहरी व्यक्ति तो नहीं है।
ड्रोन से निगरानी
संवेदनशील व अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की निगरानी पुलिस व केंद्रीय पैरामिलीटी फोर्स के अधिकारी हेलिकॉप्टर से करेंगें। इसके अलावा ड्रोन कैमरों से भी निगरानी की जाएगी। ब्लैक कैट कमांडो की टीमें मतदान के दौरान राउंड पर रहेंगी। मतदान के दौरान गड़बड़ी फैलाने की आशंका वाले अपराधियों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए जा रहे हैं।
फटाफट बदल जाएंगी खराब EVM मशीनें
किसी भी मतदान केंद्र पर ईवीएम मशीन खराब होने पर उसे 5 से 10 मिनट के भीतर बदलने की व्यवस्था की गई है। रिर्जव ईवीएम मशीन जोनल और सेक्टर मैजिस्टेट के पास होगी। सेक्टर मैजिस्टेट के बीच अधिकतम 3 से 5 किमी की दूरी होगी। कंटोल रूम से सूचना मिलते ही सेक्टर मैजिस्टेट तत्काल मतदान केंद्र पहुंच कर खराब ईवीएम मशीन बदल देंगें।