हालांकि मिर्जापुर की सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल भाजपा के सहयोगी दल अपना दल कोटे से हैं। इस समय न सिर्फ यहां बल्कि पड़ोस के जिले सोनभद्र से भी भाजपा का कोई विधायक नहीं है। अनुप्रिया पिछड़े वर्ग के वोट बटोरने के लिए प्रयासरत हैं। उन पर पूवार्ंचल में भाजपा गठबंधन की सीटें जितवाने की जिम्मेदारी है। मिर्जापुर में भी आखिरी चरण में वोट डाले जाने हैं। देखना होगा कि अनुप्रिया इस कसौटी पर खरा उतर पाती हैं या नहीं।
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