उत्तर प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिया यानि पीएफआई पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। यूपी पुलिस के डीजीपी ओपी सिंह ने दावा किया है कि यूपी में पीएफआई के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हैं। यूपी में हुई हिंसा में पीएफआई की भूमिका सामने आई है। पीएफआई ने ही प्रदर्शनकारियों को संगठित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डीजीपी के मुताबिक अब तक पीएफआई के 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बता दें कि यूपी पुलिस ने गृह विभाग को पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
क्या है ये PFI-PFI?
पीएफआई खुद को एक गैर सरकारी संगठन बताता है। 2006 में केरल से PFI की नींव रखी गई। 17 फरवरी 2007, बैंगलुरु से संगठन का ऐलान। हर साल 17 फरवरी में PFI की परेड निकलती है। PFI का मोटो है - नया हिंदुस्तान। 13 साल में 17 राज्यों में अपने आप को स्थापित किया। दक्षिण राज्यों में PFI की पकड़ काफी मजबूत है। उत्तर प्रदेश में पिछले 6 महीने में PFI एक्टिव है।
PFI पर क्या आरोप ?
आरोप है कि उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में PFI का हाथ है। यूपी पुलिस ने 25 PFI के लोगों को गिरफ्तार किया है। PFI पर यूपी में दंगा भड़काने का आरोप है। सोशल मीडिया के जरिए सोची समझी साजिश। यूपी पुलिस ने PFI पर बैन लगाने की अपील की। मोहसिन रजा ने PFI को ISI की साजिश बताया।