बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश में हुए खनन घोटाले के मामले में CBI ने बुधवार को बुलंदशहर के जिलाधिकारी अभय सिंह के आवास पर छापेमारी की। सिंह पर आरोप है कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कार्यकाल में फतेहपुर जिले का डीएम रहते हुए उन्होंने अवैध खनन करवाया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीआई की टीम बुधवार सुबह उनके आवास पर पहुंची और लगभग 2 घंटे तक पूछताछ की। CBI ने अभय सिंह के अवास के साथ-साथ उनके दफ्तर पर भी छापा मारा है।
सीबीआई ने अवैध खनन के मामले में 29 जून को दो नई एफआईआर दर्ज की है जिसमें एक एफआईआर में फतेहपुर के तत्कालीन डीएम अभय सिंह समेत तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति समेत कई लोगो को आरोपी बनाया गया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई जांच में साफ़ हुआ कि किस तरह से कुछ माइनिंग विभाग से जुड़े सरकारी कर्मचारियों ने साजिश की और उस वक्त के माइनिंग मंत्री गायत्री प्रजापति से परमिशन दिलवा दी। खनन के जो बट्टे बाटे गए उसमे कई तरह के उलंघन थे, इसमें ई टेंडरिंग नहीं की गई। इस एफआईआर में तत्कालीन खनन मंत्री गायत्री प्रजापति, फतेहपुर के तत्कालीन डीएम अभय सिंह समेत और भी कई सरकारी को शामिल है।
इसके अलावा एक एफआईआर देवरिया के तत्कालीन डीएम विवेक, एडीएम देवी शरण समेत माइनिंग इंस्पेक्टर समेत कई सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ की गई है। इन दोनों एफआईआर के बाद आज छापेमारी की गई। अभय सिंह के यहां से CBI को 49 लाख रुपये रिकवर हो चुके हैं। वहीं, देवी शरण उपाध्याय के यहां से 10 लाख रुपये मिले हैं। छापेमारी में तत्कालीन देवरिया डीएम विवेक (2009 बैच) के यहां प्रॉपर्टी के डॉक्युमेंट्स मिले हैं। जिनमें लखनऊ में खरीदे गए 2 प्लॉट (अंसल विला) और नोएडा में एक फ्लैट की जानकारी है।
क्या हैं दोनों केस?
- पहले केस- ये मामला 3 सेंड माइनिंग लीज को शिव सिंह और सुखराज सिंह के फेवर में किए जाने का है, ये दोनों फतेहपुर के रहने वाले है। मामले में आरोप है कि तत्कालीन डीएम अभय सिंह ने 3 सेंड माइनिंग लीज को अपने पद का फायदा उठाते हुए रेन्यू किया था। तब गायत्री प्रजापति माइनिंग मंत्री थे।
- दूसरे केस- देवरिया के तत्कालीन डीएम विवेक ने अपने दफ्तर और प्राइवेट लोगों के साथ साजिश के तहत 2 सेंड माइनिंग लीज को फुलबदन निषाद और शारदा यादव के फेवर में किया था। दोनों देवरिया के रहने वाले हैं। तब पंकज कुमार सिंह माइनिंग इंस्पेक्टर थे, जिनपर आरोप है कि mm11 फॉर्म्स को गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया और डील को ई-टेंडरिंग प्रोसेस के तहत नहीं किया गया।
कैश गिनने के लिए मंगाई गई मशीन
मिली जानकारी के मुताबिक CBI की रेड के दौरान अभय सिंह के आवास पर बड़ी मात्रा में कैश बरामद हुआ है जिसे गिनने के लिए मशीन मंगाई गई है। आरोप है माइनिंग केस में जब अभय सिंह फतेहपुर के डीएम थे तो नियमो को ताक पर रखकर काम किया था।
खनन पट्टों की बंदरबांट का आरोप
सिंह पर आरोप है कि अखिलेश यादव के कार्यकाल में फतेहपुर के डीएम रहते हुए उन्होंने सारे नियम-कायदों को ताक पर रखकर खनन पट्टों की बंदरबांट की थी। CBI ने इसी मामले को लेकर अभय सिंह से पूछताछ की है। आपको बता दें कि CBI ने इससे पहले IAS बी चंद्रकला के लखनऊ और दिल्ली स्थित ठिकानों पर भी अवैध खनन के मामले में छापेमारी की थी। आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी की सरकार में अवैध खनन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई याचिकाएं पहुंचीं थीं।
यूपी के आधा दर्जन शहरों में CBI की छापेमारी
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2016 में यूपी में अवैध खनन की जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद यूपी के तमाम जिलों में अवैध खनन के मामले सामने आए थे। अवैध खनन एवं अन्य मामलों में अपनी ताजा कार्रवाई में सीबीआई ने यूपी के करीब आधा दर्जन जिलों में छापेमारी को अंजाम दिया है।