लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश बीजेपी का नया अध्यक्ष नियुक्त किये जाने के साथ ही राज्य मंत्रिमंडल में विस्तार की चर्चा तेज हो चली है। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का सत्र गुरुवार से शुरू हो रहा है। सत्र समापन के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की उम्मीद है। भाजपा के एक नेता ने ‘भाषा’ को बताया कि लोकसभा चुनाव में कुछ राज्य मंत्रियों की भूमिका देखते हुए विस्तार में उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्रियों के विभागों में भी बदलाव हो सकता है। विस्तार में कुछ नए चेहरों को मौका मिलना लगभग तय है।
प्रदेश में अधिकतम 60 मंत्री हो सकते हैं। मार्च 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनी सरकार में मुख्यमंत्री सहित 47 मंत्रियों ने शपथ ली थी। इस लिहाज से मंत्रिपरिषद में 13 स्थान पहले से ही खाली थे। इसके अलावा रीता बहुगुणा जोशी, सत्यदेव पचौरी तथा एस पी सिंह बघेल ने सांसद निर्वाचित होने के बाद योगी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। रीता इलाहाबाद से, पचौरी कानपुर से और बघेल आगरा से सांसद चुने गए हैं। सुभासपा अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को कैबिनेट से बर्खास्त किया जा चुका है।
भाजपा नेता ने कहा कि स्वतंत्र देव सिंह को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिए जाने के बाद कैबिनेट से उनका इस्तीफा देना भी तय है क्योंकि भाजपा के 'एक पद एक व्यक्ति' के सिद्धांत के तहत कोई नेता दो पदों पर नहीं रह सकता। स्वतंत्रदेव के त्यागपत्र देने के बाद मौजूदा मंत्रिमंडल में पांच स्थान खाली हो जाएंगे। यह भी कहा जा रहा है कि विधानसभा उपचुनाव से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। राज्य में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं।
बताया जाता है कि विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का ख़याल रखा जाएगा। संगठन में अच्छा काम करने वाले नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के आवास पर दिल्ली में कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नडडा और राष्ट्रीय महामंत्री :संगठन: बी एल संतोष की उपस्थिति में मुख्यमंत्री योगी ने संभवत: संगठन और सरकार से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की थी। इसके अगले ही दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति हो गयी। ऐसे में अब मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना तेज हो गयी है।