लखनऊ: सपा ने केन्द्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को करारा झटका देते हुए आज गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल की। बसपा के साथ हुआ तालमेल और राष्ट्रीय लोकदल, निषाद पार्टी तथा पीस पार्टी समेत कई दलों से मिला समर्थन सपा के लिए फायदे का सौदा साबित हुआ। वहीं, दोनों सीटों पर कांग्रेस की जमानत जब्त हो गई। इन परिणामों ने भाजपा को इस गठजोड के विरूद्ध नए सिरे से रणनीति बनाने पर मजबूर कर दिया है।
गोरखपुर सीट पर सपा के प्रवीण निषाद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के उपेंद्र दत्त शुक्ला को 21 हजार 881 मतों से हराया। निषाद को चार लाख 56 हजार 513 वोट मिले जबकि भाजपा उम्मीदवार को चार लाख 34 हजार 632 मत प्राप्त हुए। कांग्रेस की सुरहिता करीम को 18 हजार 844 वोट मिले। वहीं, फूलपुर लोकसभा सीट पर सपा के नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के कौशलेंद्र सिंह पटेल को 59 हजार 460 वोटों से हराया। इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी अतीक अहमद 48 हजार 94 मत पाकर तीसरे स्थान पर रहे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मनीष मिश्र को मात्र 19 हजार 353 मत मिले।
गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में जीत के साथ ही लोकसभा में सपा सांसदों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। गोरखपुर सीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के और फूलपुर सीट उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य के विधान परिषद की सदस्यता ग्रहण करने के बाद दिए गए त्यागपत्र के कारण रिक्त हुई थी। गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव के लिए मतदान गत 11 मार्च को हुआ था। इस दौरान क्रमशः 47.75 प्रतिशत और 37.39 फीसद मतदान हुआ था। गोरखपुर सीट के लिए 10 तथा फूलपुर सीट पर 22 उम्मीदवार मैदान में थे।
उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि जब इन दोनों सीटों के उपचुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित हुए थे, तब सपा, बसपा और कांग्रेस समेत सभी अलग-अलग थे, लेकिन चुनाव के बीच में सपा-बसपा के बीच जो आपसी सौदेबाजी और बेमेल गठबंधन हुआ उसको समझने में कहीं ना कहीं कमी रही और अति आत्मविश्वास उसका कारण है। हम इसकी समीक्षा जरूर करेंगे।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से कहा कि उपचुनाव परिणाम केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ ‘जनादेश‘ है। गोरखपुर मुख्यमंत्री योगी का क्षेत्र हैं जबकि फूलपुर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का क्षेत्र है। अगर उन क्षेत्रों की जनता में इतनी नाराजगी है तो सोचिये आने वाले समय में देश के चुनाव में क्या होगा। सपा प्रमुख ने दावा किया कि अगर इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के बजाय मतपत्रों से मतदान होता तो भाजपा लाखों वोट से हारती।
जीत के बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष और सपा प्रत्याशी प्रवीण के पिता संजय निषाद ने कहा, ‘‘यह ना ही योगी आदित्यनाथ की हार है और ना ही गोरखनाथ मठ की। हम सब गोरखनाथ मठ और नाथ सम्प्रदाय के संस्थापक मछेन्दर नाथ का सम्मान करते हैं। मेरा मानना है कि जनता ने भाजपा की नोटबंदी और जीएसटी की नीतियों के खिलाफ मतदान किया।‘‘ उन्होंने कहा कि यह हार केन्द्र की नरेन्द्र मोदी की पराजय और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में किए गए विकास कार्यों और उनकी अच्छी नीतियों की जीत है।
फूलपुर के पूर्व सांसद और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद नहीं थी कि बसपा का वोट इस तरह से सपा की तरफ ट्रांसफर हो जाएगा। हम विश्लेषण करेंगे और हम ऐसी परिस्थितियों के लिए भी तैयारी करेंगे, जबकि सपा-बसपा और कांग्रेस साथ मिलकर लड़ सकते हैं।’’