लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधायक निधि की धनराशि दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव किया। योगी ने बजट सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को विधानसभा में यह प्रस्ताव रखते हुए कहा इस सिलसिले में वित्त मंत्री की अगुवाई में एक समिति का गठन किया जाना चाहिए जिसमें विभिन्न विभागों से संबंधित प्रस्तावों को आगे बढ़ाने, विधायकों की तनख्वाह एवं भत्ते तथा पूर्व विधायकों की पेंशन में बढ़ोत्तरी के मुद्दों पर भी विचार किया जाए।
इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक बजट सत्र के दौरान विधायक निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपए करने की घोषणा की गई है। योगी ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही को संसद की तर्ज पर और बेहतर बनाने के लिए भी पार्टी नेताओं की एक समिति गठित की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष सरकार पर सदन नहीं चलाने का आरोप लगा रहा है लेकिन प्रदेश विधानसभा की पिछले 15 सालों की कार्यवाही निकाल कर देखी जाए तो पता चलेगा कि हम एक सत्र में जितने दिन कार्यवाही चलाते हैं, उतने दिन तो कई कई सालों तक कार्यवाही नहीं चली।
उन्होंने कहा कि हमने अनेक मौकों पर विशेष सत्रों का आयोजन किया हमने सतत विकास लक्ष्यों पर तथा संविधान दिवस पर सदन में विशेष चर्चाएं आयोजित की। विधायी सदन संवाद का सशक्त माध्यम होता है। पूरा राज्य जानता है कि इस संवाद को बिगाड़ने वाले वास्तविक चेहरे कौन से हैं।