लखनऊ: जिस उत्तर प्रदेश में पिछले 37 सालों के दौरान किसी भी पार्टी को 300 सीटें नहीं मिली वहां बीजेपी के बहुमत के आंकड़ें को छूना किसी करिश्मे से कम नहीं है। 1980 में कांग्रेस ने 300 से अधिक सीटें जीती थीं मगर इसके बाद पूर्ण बहुमत की सरकारें तो उत्तर प्रदेश में कई बार बनीं मगर कभी आंकड़ा 225 के पार नहीं पहुंच सका। इस बार बीजेपी ने सपा-कांग्रेस गठबंधन को हराकर यूपी विधानसभा की 300 से ज्यादा सीटों पर कब्जा कर लिया है। यूपी में इस बार कड़ा मुकाबला माना जा रहा था अंत तक किसी की भी जीत की भविष्यवाणी करना मुश्किल लग रहा था लेकिन अंत में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ बड़ी पार्टी बनकर सामने आई जो कि बीजेपी की अभूतपूर्व जीत है।
बीजेपी क्यों जीती?
- 1.मुख्य शंभुकर के तौर पर करिश्माई पीएम नरेंद्र मोदी, उनकी सरकार द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी से उम्मीदें
- 2. ये बीजेपी की राम लहर से भी बड़ी जीत है। 2014 से जो मोदी लहर शुरू हुई थी 2017 में वो सुनामी बन चुकी है।
- 3. 1984 में इंदिरा गांधी के निधन के बाद कांग्रेस को जो जीत मिली थी उससे भी बड़ी जीत है बीजेपी की।
- 4. आरएसएस के कैडर और संघ परिवार के कार्यकर्ताओं की जबरदस्त सांगठनिक ताकत
- 5. बूथ स्तर और पन्ना स्तर (मतदाता सूचि के पन्ने के स्तर तक) का प्रबंधन
- 6. 2014 के लोकसभा चुनाव का फायदा, जिसमें बीजेपी की अगुवाई में एनडीए ने 80 में से 73 सीटें जीती थीं
- 7. पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल इलाकों में ज्यादा मजबूत
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अखिलेश क्यों हारे?
- 1.सपा में हुई पारिवारिक तकरार और गुटबाजी- अखिलेश बनाम शिवपाल और मुलायम
- 2. कानून व्यवस्था के मोर्चे पर खराब रिकॉर्ड
- 3. सपा-कांग्रेस गठबंधन का देर से होना, कुछ सीटों पर गैर-दोस्ताना लड़ाई
- 4. अभियान की देर से शुरुआत
- 5. मतदाताओं में कांग्रेस की कमजोर मौजूदगी, सपा को वोट ट्रांसफर करवाने में मुश्किल
- 6. कांग्रेस और सपा दोनों में वंशवादी राजनीति
कैसे टूटा मायावती का सपना?
- 1.मुख्यधारा के मीडिया से कोई जुड़ाव नहीं
- 2. दूसरी पंक्ति के नेतृत्व का न होना
- 3. अपराधों पर नियंत्रण के अच्छे रिकॉर्ड के बावजूद जीतने की काबिलियत की खातिर कुख्यात माफिया सरगनाओं को टिकट दिए
- 4. कई बड़े ओबीसी नेता पार्टी छोड़कर चले गए
- 5. बीएसपी सुप्रीमो मायावती का तानाशाही रवैया, बहुत कम लोगों पर भरोसा करती हैं।