लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्नाव रेप पीड़िता की कार की ट्रक से हुई टक्कर को दुर्घटना करार दिया है। साथ ही पुलिस ने कहा है कि ट्रक के ड्राइवर, उसके मालिक और क्लीनर को कस्टडी में ले लिया गया है। लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि दोनों वाहनों के बीच टक्कर एक हादसा है। उन्होंने कहा कि लेकिन फिर भी मामले की जांच हर ऐंगल से की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस घटना की एफआईआर रायबरेली में लिखी जा रही है।
‘हादसे में मृत पीड़िता की चाची CBI मामले में गवाह थीं’
यूपी पुलिस ने बताया कि हादसे में मृत पीड़िता की चाची पीड़िता के साथ रेप के में मामले में चल रही CBI जांच में गवाह थी। साथ ही ट्रंक के नंबर प्लेट पर कालिख पुते होने के सवाल पर पुलिस ने कहा कि ऐसा फाइनेंसर से छिपने के लिए किया गया था। पुलिस ने कहा, 'गाड़ी का नंबर मिटाने पर ट्रक मालिक का कहना है कि किश्तों पर गाड़ी ली थी और उसकी किश्तें नहीं चुका रहा था, इसलिए नंबर छिपा दिया। ट्रक बांदा से रायबरेली मोरंग गिराने गया था।'
लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं पीड़िता एवं वकील
पुलिस ने बताया, ‘ट्रक ड्राइवर का कहना है कि बारिश की वजह उसे दिक्कत हुई और हादसा हो गया। लखनऊ से फरेंसिक टीम घटनास्थल पर भेजी गई है।’ सुरक्षाकर्मियों के साथ न जाने के सवाल पर पुलिस ने कहा, ‘ऐक्सिडेंट का शिकार हुई गाड़ी में जगह न होने के चलते सुरक्षाकर्मी नहीं जा सके थे। इसकी भी जांच आदेश दे दिए गए हैं। पीड़िता और उसका वकील दोनों लाइफ सपॉर्टिंग सिस्टम पर हैं।’ उन्होंन कहा कि दुर्घटना के मामले में जेल में बंद महेश सिंह ने शिकायत दी है, उसी के आधार पर केस दर्ज हुआ है और जरूरत पड़ने पर केस सीबीआई को ट्रांसफर किया जा सकता है।
बीजेपी पर हमलावर हुईं विपक्षी पार्टियां
उन्नाव रेप पीड़िता के साथ दुर्घटना की खबर जैसे ही सामने आई, विपक्षी पार्टियां बीजेपी पर हमलावर हो गईं। कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी ने जहां इसे एक चौंकाने वाला हादसा बताया, वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती को इसमें साजिश नजर आई है। वहीं, संसद में भी इस मुद्दे पर बवाल हुआ। आपको बता दें कि रेप के मामले के आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर को पिछले साल 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। घटना के समय पीड़िता युवती और उसकी 2 रिश्तेदार अपने वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद उसके (पीड़िता के) चाचा से मिलने जा रहे थे।