नयी दिल्ली: उन्नाव कांड पीड़िता ने एम्स में लगाई गई एक अस्थायी अदालत में अपना बयान दर्ज कराया और इसके साथ ही बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया शुक्रवार को पूरी हो गयी। यह मामला भाजपा से निष्कासित विधायक कुलदीप सेंगर द्वारा 2017 में पीड़िता के कथित बलात्कार से जुड़ा हुआ है। सुनवाई से अवगत एक वकील ने बताया कि जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के सम्मेलन कक्ष में ‘बंद कमरे’ में हुई सुनवाई के दौरान पीड़िता ने व्हीलचेयर पर बैठकर जिला न्यायाधीश धर्मेश शर्मा के सामने गवाही दी।
पीड़िता ने स्वास्थ्य कारणों के चलते बृहस्पतिवार को स्ट्रेचर पर अपना बयान दर्ज कराया था। एक आरोपी के वकील ने बताया कि चिकित्सकों ने पीड़िता की जांच के बाद उसकी चिकित्सकीय स्थिति के बारे में न्यायाधीश के सामने बयान दिया जिसके बाद पीड़िता ने अपना बयान दर्ज कराया। उन्होंने बताया कि अदालत के आदेशानुसार एक नर्सिंग अधिकारी पूरी सुनवाई के दौरान वहां मौजूद था। सुनवाई के लिए सेंगर और सह आरोपी शशि सिंह को भी तिहाड़ जेल से लाया गया था।
पीड़िता को इस साल 28 जुलाई को दुर्घटना का शिकार होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ‘बंद कमरे’ में होने वाली सुनवाई आम लोग और प्रेस को देखने की अनुमति नहीं होती। दिल्ली उच्च न्यायालय की अनुमति से अस्पताल में अस्थायी अदालत स्थापित की गई। पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने कहा था कि उसे अदालत परिसर ले जाने की सलाह नहीं दी जा सकती। महिला को कथित तौर पर अगवा कर सेंगर ने 2017 में उसका बलात्कार किया था। उस समय वह नाबालिग थी। इस मामले में सेंगर के साथ सह-आरोपी शशि सिंह भी शामिल था।