लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता की दिल्ली के अस्पताल में मौत को संज्ञान में लेते हुए सात पुलिसकर्मियों को कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘उन्नाव के बिहार पुलिस थाने के एसएचओ अजय कुमार त्रिपाठी के साथ ही छह अन्य पुलिस कर्मियों को बलात्कार पीड़िता की मौत के सिलसिले में कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है।’’
यह घटनाक्रम 23 वर्षीय पीड़िता का रविवार को उसके गृह गांव में कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार के कुछ घंटे बाद आया है। पीड़िता को उसके परिवार के खेतों में दफनाया गया जहां उसके पूर्वजों की भी कब्रें हैं
प्रियंका गांधी ने त्वरित सुनवायी अदालत के गठन में देरी पर सवाल उठाया
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने उन्नाव रेप केस मामले में भाजपा सरकार को ‘‘दुष्प्रचार में विशेषज्ञ’’ करार दिया। उन्होंने एक ट्वीट कर राज्य में त्वरित सुनवायी अदालतें शुरू करने में ‘‘देरी’’ पर भी सवाल उठाया। प्रियंका गांधी ने महिला के आरोप की खबर टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘पुलिस का उस महिला से व्यवहार देखिये जो उन्नाव में पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए गई। और यह तब हुआ जब वहां एक दुखद घटना हुई है।’’
प्रियंका गांधी का ‘‘दुखद घटना’’ से आशय जिले की 23 वर्षीय बलात्कार पीड़िता की दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत से था जिसे पांच व्यक्तियों ने जला दिया था। उसे जलाने वालों में उससे कथित तौर पर बलात्कार करने के दो आरोपी भी शामिल थे। उक्त लड़की को तब जलाया गया था जब वह स्वयं द्वारा दायर बलात्कार के मामले की अदालत में सुनवायी के लिए रायबरेली जा रही थी।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा सरकार और उसकी पुलिस दुष्प्रचार में विशेषज्ञ है। तथ्य यह है कि त्वरित सुनवायी अदालत के गठन के प्रस्ताव को अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लंबित रखा गया है।’’ उन्होंने यह भी सवाल किया कि राज्य में ऐसी स्थिति कब तक चलेगी। प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को बलात्कार पीड़िता के परिवार से मुलाकात करने के लिए उन्नाव भी गई थीं।