नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के उन्नाव रेप केस मामले में एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद हुई कार्रवाई के तहत बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के ख़िलाफ़ FIR दर्ज कर ली गई है। कुलदीप सिंह के खिलाफ लड़की को किडनैप करने का केस दर्ज हुआ है। कुलदीप सिंह के खिलाफ IPC की धारा 363/366/373 और POCSO ऐक्ट में केस दर्ज किया गया है। कल रात ही सीएम योगी ने एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद कई सख्त फैसले लिए थे जिसमें सेंगर के खिलाफ केस दर्ज करने का भी एक फैसला था। इसके साथ ही उन्नाव रेप केस की जांच भी अब सीबीआई को देने का फैसला हुआ है।
कल रात कुलदीप सिंह सेंगर लखनऊ के एसएसपी के दफ्तर पहुंचे थे। हालांकि उन्होंने सरेंडर नहीं किया लेकिन अब सेंगर के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। योगी ने इस मामले में सख्ती बरतते हुए आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ नए सिरे से एफआईआर दर्ज करने को भी कहा है। साथ ही पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने का आदेश भी दिया है।
वहीं, आरोपी विधायक और उनके गुर्गों के खिलाफ गैंगरेप और पीड़ित के पिता से मारपीट का मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। सरकार ने रेप पीड़ित के परिवार को पूरी सुरक्षा देने का भरोसा दिया है जबकि एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद कुछ और अफसरों पर गाज गिरी है। जिस वक्त कुलदीप सिंह अपने समर्थकों के साथ एसएसपी दफ्तर पहुंचे थे ठीक उसी वक्त मामले की जांच कर रही एसआईटी की रिपोर्ट आला अधिकारियों के पास से होते हुए सीएम योगी की मेज पर पहुंची थी।
इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद योगी सरकार ने कुछ कड़े फैसले लिए हैं जिससे बीजेपी के इस बाहुबली विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर योगी सरकार ने जो सबसे पहला फैसला लिया है वो है कुलदीप सिंह पर एफआईआर दर्ज करने का। योगी सरकार ने रेप के आरोपों पर विधायक और उनके साथियों पर अलग-अलग धाराओं में एफआईआर दर्ज करने को कहा है साथ ही मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का भी फैसला लिया गया है।
3 अप्रैल को गैंगरेप पीड़िता के पिता के साथ हुई मारपीट की वारदात की दोबारा से जांच होगी। वता दें कि मारपीट के बाद रेप पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में अंदरूनी ब्लीडिंग को मौत की वजह बताई गई थी। इस मामले में पुलिस ने विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर और उसके गुर्गों को गिरफ्तार किया है। वहीं योगी सरकार ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कई डॉक्टरों पर भी कार्रवाई की है। सीएमएस डॉक्टर डी के द्विवेदी और ईएमओ डॉक्टर प्रशांत उपाध्याय को सस्पेंड कर दिया गया है जबकि मारपीट के बाद सही इलाज नहीं करने के आरोप में तीन अन्य डॉक्टरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।
इस मामले में लापरवाही बरतने वाले कई पुलिसवाले पहले ही नप चुके हैं। अब एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद योगी सरकार ने एक और पुलिसवालों पर कार्रवाई की है। सफीपुर के सीओ कुंवर बहादुर सिंह को पीड़ित परिवार से लगातार शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने पर सस्पेंड कर दिया गया है। इन सबके अलावा योगी सरकार ने गैंगरेप पीड़ित और उसके परिवार को पर्याप्त सुरक्षा देने का भी ऐलान किया है। एसआईटी टीम को पीड़ित परिवार ने अपनी जान का खतरा बताया था और कहा था कि विधायक के गुर्गे उन्हें मार सकते हैं।