उन्नाव/लखनऊ (उ.प्र.): भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह की कोशिश करने वाली युवती के जेल में बंद पिता की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। पीड़ित पक्ष ने विधायक पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि सरकार और कानून इस घटना के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं करेगा।
इस मामले में चार नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, लापरवाही बरतने के आरोप में सम्बन्धित थाना प्रभारी समेत छह पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर दिया गया है। पुलिस सूत्रों ने आज बताया कि भाजपा विधायक सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली माखी थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी 18 वर्षीय एक लड़की के पिता को रविवार रात को जेल में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां शुरू हुई थीं। इस पर उसे तुरंत जिला अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। मगर तड़के लगभग तीन बजे उनकी मौत हो गई। उनकी उम्र करीब 50 वर्ष थी।
मृतक के परिजन ने बलात्कार के आरोपी बांगरमऊ से भाजपा विधायक सेंगर पर जेल में हत्या कराने का आरोप लगाया है। उनका इल्जाम है कि मुकदमा वापस ना लेने पर गत तीन अप्रैल को विधायक के भाई अतुल सिंह ने पीड़िता के पिता को मारापीटा था। पुलिस ने इसका मुकदमा दर्ज करने के बजाय पांच अप्रैल को पीड़ित के खिलाफ ही शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेज दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में संवाददाताओं से बातचीत में इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि लखनऊ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक से मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार और कानून इस घटना के दोषियों के साथ कोई रियायत नहीं करेगा।
इस बीच, राज्य सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने के लिए तफ्तीश को उन्नाव से लखनऊ स्थानान्तरित कर दिया गया है। मामले की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने कहा कि मामले की जांच के लिये लखनऊ पुलिस की एक टीम गठित की गयी है। भाजपा विधायक पर लगा आरोप अभी सिद्ध नहीं हुआ है। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
इधर, उन्नाव की पुलिस अधीक्षक पुष्पांजलि ने बताया कि मामले के चार नामजद अभियुक्तों सोनू, बउवा, विनीत और शैलू को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, माखी के थाना प्रभारी अशोक कुमार समेत छह पुलिसकर्मियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया है। जिलाधिकारी रवि कुमार एनजी ने कहा कि जब दोनों पक्षों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था तो एक पक्ष को ही जेल क्यों भेजा गया, इसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही मृतक का डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने के आदेश दिए गए हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर ‘ट्वीट‘ के जरिए तंज करते हुए कहा ‘‘प्रदेश में कहीं कोचिंग की छात्रा की सरेआम गोली मारकर हत्या हो रही है, तो कहीं भाजपा विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला सरकार से निराश होकर मुख्यमंत्री आवास पर आत्मदाह कर रही है। क्या यही है ‘एन्काउंटर वाली‘ सरकार का खौफ, कि अपराधियों की जगह आज नारी आतंकित हो रही है।’’
कांग्रेस प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर स्थानीय प्रशासन आरोपी भाजपा विधायक सेंगर के दबाव में ना आकर न्याय करता तो इतनी बड़ी घटना को टाला जा सकता था।
मालूम हो कि माखी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 18 वर्षीय एक युवती ने उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर और उनके भाइयों पर पिछले साल सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था। अदालत के आदेश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपितों के बजाय अपने पिता के खिलाफ कार्रवाई किए जाने से क्षुब्ध होकर कथित बलात्कार पीड़ित युवती ने कल मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह का प्रयास किया था। हालांकि, मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया था।