नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक याचिका दायर कर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के विधायक व अन्य द्वारा एक युवती के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत मामले में सीबीआई (CBI) द्वारा जांच कराने की मांग की गई है। अधिवक्ता एम.एल. शर्मा ने अपनी याचिका में 3 करोड़ रुपये के मुआवजे तथा पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है।
शर्मा ने कहा कि इस मामले को सीबीआई के पास जांच के लिए भेजा जाना चाहिए, ताकि सही निष्पक्ष जांच हो सके। उन्होंने कहा, "हिरासत में पीड़िता के पिता की मौत राज्य की सत्ताधारी पार्टी के इशारे पर पुलिस द्वारा अत्याचार का एक स्पष्ट मामला है। यह मामला अब यूपी पुलिस के खिलाफ है और यूपी पुलिस खुद के खिलाफ जांच नहीं कर सकती।"
इससे पहले, उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन्नाव के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और अन्य लोगों के खिलाफ दुष्कर्म के आरोपों और लड़की के पिता की मौत के मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया। पुलिस ने माखी थाना गृह अधिकारी और पांच हवलदार सहित छह कर्मियों को निलंबित कर दिया है, और सेंगर के भाई अतुल सिंह व उसके चार सहयोगियों - बाऊ, विनीत, शैलू और सोनू को गिरफ्तार किया है।
पीड़िता ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी। वह सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रही थी। बाद में रविवार को पीड़िता के पिता को पुलिस ने उठा लिया और कथित तौर पर अतुल सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा उनकी पिटाई की गई, जिससे पीड़िता के पिता की पुलिस स्टेशन में मौत हो गई। इस घटना ने राज्य में एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है और सत्ताधारी दल को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच का भी आदेश दिया है।