गोरखपुर: यूपी के गाजियाबाद में रह रहे एक शख्स ने ट्रेन में सीट न मिलने पर कार खरीद ली, और उसपर सवार होकर परिवार समेत अपने गांव पहुंच गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, लल्लन नाम के इस शख्स ने गाजियाबाद के पास एक रेलवे स्टेशन में श्रमिक स्पेशल ट्रेन में चढ़ने के लिए अपनी बारी की 3 दिन तक प्रतीक्षा की। पेशे से बढ़ई लल्लन के सब्र का बांध चौथे दिन टूट गया, तो वह सीधे एक बैंक जा पहुंचा और 1.9 लाख रुपये की अपनी सारी बचत अपने खाते से निकाल ली और एक सेकेंड हैंड कार विक्रेता के पास गया।
लल्लन ने 1.5 लाख रुपये में एक इस्तेमाल की हुई कार खरीदी और अपने परिवार के साथ गोरखपुर में अपने घर की ओर रवाना हुआ और कभी वापस न लौटने की कसम खाई। गोरखपुर के पीपीगंज में कैथोलिया गांव के निवासी लल्लन ने कहा, ‘लॉकडाउन के बाद मैं इस उम्मीद पर कायम रहा कि चीजें जल्द ही सामान्य हो जाएंगी। जब लॉकडाउन की अवधि आगे बढ़ती गई, तो मैंने सोचा कि गांव में वापस लौट जाना ही मेरे और मेरे परिवार के लिए सुरक्षित होगा। हमने बसों या ट्रेनों में सीट पाने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन असफल रहे।’
लल्लन ने कहा कि बसों में काफी भीड़ रही, ऐसे में उसे इस बात का डर रहा कि सोशल डिस्टै्ंसिंग रखे बिना अगर वे सफर करते हैं, तो कहीं उसके परिवारवाले कोरोना वायरस की चपेट में न आए जाए। उसने आगे कहा, ‘आखिरकार जब मैं श्रमिक ट्रेनों में सीट पाने में विफल रहा, तो मैंने एक कार खरीदकर घर वापस लौटने का फैसला लिया। मुझे पता है कि मैंने अपनी सारी बचत खर्च कर दी है, लेकिन कम से कम मेरा परिवार तो सुरक्षित है।’
लल्लन 29 मई को अपने परिवार के साथ कार में सवार होकर गाजियाबाद से रवाना हुआ और अगले दिन 14 घंटे की यात्रा करने के बाद गोरखपुर पहुंचा। लल्लन फिलहाल अपने घर पर क्वॉरंटाइन में है और उसे गोरखपुर में ही काम मिलने की उम्मीद है। उसने कहा, ‘अगर मुझे यहां काम मिल जाता है, तो मैं गाजियाबाद नहीं लौटूंगा।’