लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने लखनऊ शहर को बम धमाकों से दहलाने के इरादे से केरल से आए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के जिन दो अभियुक्तों को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था, उनसे जुड़ी कुछ और बड़ी जानकारियां इंडिया टीवी के हाथ लगी है। सूत्रों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए PFI के दोनों एजेंट जमात-उल-मुजाहदीन बांग्लादेश के संपर्क में थे। दोनों बांग्लादेश होकर आए थे।
केरल के अलावा पीएफआई ने 2 और राज्यो में अपना नेटवर्क स्थापित कर लिया है। कुल 3 राज्यों में इनके प्रशिक्षण शिविर चलने की जानकारी सामने आई है। PFI को प्रतिबंध लगने का डर है, इसीलिए उसने 25-25 लोगों के स्क्वाड बनाये हुए हैं। इन्हें ट्रेनिंग देकर दहशत फैलाने के लिए तैयार किया जा रहा हैं। सूत्रों की मानें तो देशभर में PFI से जुड़े लोगों की संख्या काफी बड़ी है।
सूत्रों के अनुसार, PFI का तरीका है कि यह युवाओं का ब्रेनवॉश करके उन्हें स्क्वाड का हिस्सा बनाता है। गिरफ्तार किए गए दोनों PFI एजेंट अंसद बदरुद्दीन और फिरोज खान ने लखनऊ सहित यूपी भर में अपने एजेंडे से जुड़े कई लोगों से मुलाकात की थी। ये दोनों देश के ज्यादातर शहरों में घूम चुके हैं। लेकिन, अब यूपी पुलिस ने इन्हें जेल का रास्ता दिखा दिया है।
सूत्रों ने बताया कि मंदिर के पुजारी से लेकर हिन्दू संगठन के बड़े नेता इनके निशाने पर थे। बम विस्फोट के अलावा माहौल खराब करने पर इनका काफी जोर था, इसीलिए चाकुओं से गोदकर की गई हत्याओं पर इनका खासा जोर था। गिरफ्तार किए गए दोनों ही PFI सदस्य ब्लैक बेल्ट थे। युवा और फिट लोग को ही यह प्राथमिकता देते थे। इनके संपर्क में 500 से ज्यादा संगठनों के लोग थे।
ऐसे में सूत्रों का कहना है कि अभियुक्तों ने कहां और किसे विस्फोटक दिए हैं या फिर किसी को दिए भी हैं या अभी नहीं, इन सब बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। गौरतलब है कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, "पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के दो सदस्यों को लखनऊ में विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार किया गया।"
ADG (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, "PFI के जिन 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनकी पहचान अंसद बदरुद्दीन और फिरोज खान के रूप में की गई है, जो केरल के रहने वाले हैं।" उन्होंने कहा, "अभियुक्तों के पास भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार और कुछ दस्तावेज बरामद किए गए हैं। इनका संबंध PFI पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया संगठन से है।"
प्रशांत कुमार ने बताया कि उनका इरादा वसंत पंचमी के मौके पर देश के विभिन्न इलाकों में आतंकवादी हमले करने का था। गौरतलब है कि पीएफआई का नाम संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिसंबर 2019 में हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में आया था। सरकार ने इस हिंसा के लिए इस संगठन को जिम्मेदार ठहराया था।