लखनऊ: देश के अन्य राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों और कामगारों को लेकर अब तक 97 रेलगाड़ियां प्रदेश के विभिन्न स्टेशनों पर आ चुकी हैं और शनिवार शाम तक 17 और रेलगाड़ियां भी श्रमिकों लेकर पहुंचेगी। इस प्रकार कुल 114 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियों से करीब एक लाख 20 हजार से अधिक प्रवासी कामगार गृह प्रदेश आ जाएंगे। अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने यहां संवाददाताओं को बताया कि उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों से जो प्रवासी श्रमिक आ रहे हैं, उनको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-11 की बैठक में समीक्षा की। अवस्थी ने बताया कि अन्य प्रदेशों से प्रवासी श्रमिक लौट रहे हैं। वे वेबसाइट पर नाम दर्ज करा रहे हैं। विभिन्न माध्यमों से जो श्रमिक आ रहे हैं, उनकी समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने आदेश दिया है कि जो भी श्रमिक आयें, उन्हें सुरक्षित लाया जाए।
एक लाख 20 हजार से अधिक लोग आएंगे
मुख्यमंत्री ने पुन: बल देकर कहा कि श्रमिक किसी भी रूप में पैदल ना आयें। उन्होंने बताया कि शनिवार सुबह 11 बजे तक प्रदेश में 97 रेलगाड़ियां आ चुकी हैं, 17 रेलगाड़ियां और आ रही हैं। शनिवार शाम तक 114 रेलगाड़ियां पूरे प्रदेश में आ जाएंगी तथा इन रेलगाड़ियों के जरिये एक लाख 20 हजार से अधिक लोग प्रदेश में आ जाएंगे। अवस्थी ने बताया कि 98 और रेलगाड़ियों के परिचालन की अनुमति कल यानि रविवार और परसों सोमवार के लिए दी गयी है। एक दिन में 40 से अधिक रेलगाड़ियों के परिचालन की व्यवस्था हमने की है। मुख्यमंत्री ने इसकी समीक्षा की है और इस प्रक्रिया को मजबूती से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने अन्य प्रदेशों को जो पत्र लिखा था, उसके क्रम में सभी प्रदेश पहले ही श्रमिकों की सूची भेज रहे हैं। उनकी चिकित्सा जांच का प्रमाणपत्र देते हुए विवरण दे रहे हैं। इसके बाद हम रेलगाड़ी चलाने की अनुमति देते हैं। अवस्थी ने कहा, ''आज शनिवार के 15-20 और रेलगाड़ियों की अनुमति संभवत: दे देंगे, जिससे काफी अधिक संख्या में श्रमिक एवं कामगार अन्य प्रदेशों से आ सकेंगे। शुक्रवार और शनिवार को हरियाणा से 5,000 से अधिक लोग आये जबकि राजस्थान से दस हजार से अधिक लोग आये।''
प्रवासी श्रमिकों की चिकित्सा जांच
उन्होंने बताया कि रेलगाड़ियां आगरा, कानपुर पहुंच रही हैं। लखनऊ में रिकॉर्ड 11 विशेष रेलगाड़ियां पहुंचीं, जौनपुर में, गोरखपुर में 11 रेलगाड़ी, बरेली, बलिया, प्रयागराज में आठ से अधिक रेलगाड़ियां प्रवासी श्रमिकों को लेकर पहुंचीं। कुल 36 रेलवे स्टेशनों पर सुबह 11 बजे तक 97 श्रमिक विशेष रेलगाड़ियां आ चुकी हैं। अवस्थी ने बताया कि रेलगाड़ी से उतरने वाले प्रवासी श्रमिकों की चिकित्सा जांच पृथकवास केंद्र में कराया जाता है। फिर उन्हें उनके अपने गृह जनपद भेजा जाता है। वहां के पृथकवास केंद्र से वे गृह पृथकवास में जाते हैं। उन्हें खाद्यान्न का पैकेट मुफ्त में दिया जाता है। उन्होंने बताया कि विदेश से भी प्रवासियों को उत्तर प्रदेश लाया जा रहा है। लखनऊ में शनिवार शाम को पहली उड़ान शारजाह से आएगी। विमान से आने वाले लोगों को पृथकवास में केंद्र में रखने की व्यवस्था जिला प्रशासन ने कर दी है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों को रोजगार देने के लिए वृहद कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश मुख्यमंत्री ने दिया है। बाहर से जो नये कामगार आ रहे हैं, उन्हें अलग-अलग जगह पर रोजगार देने की व्यवस्था की जाएगी।
संक्रमित स्थानों (हॉटस्पॉट) के नियमों का और कड़ाई से पालन
अवस्थी के अनुसार मुख्यमंत्री ने चिह्नित संक्रमित स्थानों (हॉटस्पॉट) के नियमों का और कड़ाई से पालन करने को कहा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का कड़ाई से पालन किया जाए। साथ ही कहा कि गर्मी एवं बरसात के मौसम में संचारी रोग की संभावना होती है इसलिए इसके मददेनजर मुख्यमंत्री ने चिकित्सा के उपाय करने के निर्देश दिये हैं। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने राजस्व प्राप्ति की समस्त सम्भावनाओं पर कार्य करने पर बल दिया है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 से आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं इसलिए राजस्व वृद्धि के वैकल्पिक स्रोत चिह्नित करने के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने बताया कि प्रवासी कामगारों एवं श्रमिकों के लिए लगभग 20 लाख रोजगार सृजित किये जाने हेतु वृहद कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। महिला स्वयं सहायता समूह के लिए व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएं। इन समूहों की सदस्यों को रेडिमेड कपड़े तथा स्वेटर आदि तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए। प्रदेश को 'गारमेन्ट हब' के रूप में विकसित किया जाये।
‘आयुष कवच-कोविड’ ऐप
अवस्थी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कामगारों एवं श्रमिकों के हित में श्रम कानून में संशोधन भी प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोरोना की 'केमिस्ट्री' को समझते हुए 'ट्रीटमेंट' करने की आवश्यकता है। यह भी महत्वपूर्ण है कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर कोरोना से बचा जा सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा लांच किए गए ‘आयुष कवच-कोविड’ ऐप में जड़ी-बूटियों पर आधारित आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से जुड़ी उपयोगी जानकारियों का समावेश किया गया है, जिन्हें अपनाकर लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर सकते हैं। इसके दृष्टिगत ‘आयुष कवच-कोविड’ ऐप का व्यापक प्रचार-प्रसार कर लोगों को इसे डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के खिलाफ जंग तथा इस महामारी से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सरकारी विभागों, निगमों एवं अन्य संस्थानों के कार्मिकों द्वारा किए जा रहे कार्य पर संतोष व्यक्त करते हुए आगे भी इसी प्रकार प्रतिबद्ध होकर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
‘‘पूल टेस्टिंग’’ में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर
उन्होंने कहा है कि 18 करोड़ लोगों को तीन चरणों में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। यह एक बहुत बड़ा कार्य है, क्योंकि 18 करोड़ तो कई देशों की आबादी भी नहीं है। अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों के 52,000 बिस्तरों की क्षमता विस्तार के लक्ष्य के सापेक्ष 53,459 बिस्तरों की व्यवस्था कर ली गई हैं। ‘‘पूल टेस्टिंग’’ में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि इलाज के दौरान संभावित संक्रमण से सुरक्षा के लिए डॉक्टरों तथा अन्य चिकित्सा कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लगातार संचालित किए जाएं। डिग्री व इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों व शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाए, जिससे ये लोग आमजन को जागरूक कर सकें। समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों तथा सभी जनपदों में उप सीएमओ से भी नियमित संवाद किया जाए। सभी जनपदों में पीपीई किट तथा एन-95 मास्क की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा है कि निजी अस्पतालों में आपात सेवाओं के संचालन की अनुमति सम्बन्धित जिलाधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी की समिति प्रदान करेगी। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि आपात सेवा प्रदान करने जा रहे चिकित्सालय में संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय लागू हो गए हैं तथा अस्पताल की मेडिकल टीम को संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में प्रशिक्षित कर दिया गया है।
लॉकडाउन का कड़ाई से पालन
अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि चिह्नित सबसे अधिक संक्रमित क्षेत्रों (हॉटस्पॉट) में प्रभावी रणनीति बनाकर उसे लागू किया जाए। घर-घर तक सामान पहुंचाने की व्यवस्था की जाए और आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ रखा जाए। पृथकवास केंद्र तथा आश्रय स्थल में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। पृथकवास केंद्र को जियो टैग करने के कार्य में तेजी लायी जाए। विदेश से आए लोगों की चिकित्सा जांच करते हुए आवश्यकतानुसार उन्हें उपचारित किया जाए। उन्होंने लॉकडाउन का कड़ाई से पालन कराने तथा वरिष्ठ अधिकारियों को स्वयं निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि गर्मी व बरसात के मौसम में संचारी रोगों के प्रसार की सम्भावना रहती है। इसे ध्यान में रखकर संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण आवश्यक है। मलेरिया, डेंगू सहित विभिन्न संचारी रोगों की प्रभावी रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जाए। उन्होंने इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, ग्राम्य विकास, नगर विकास, पंचायती राज, बाल विकास, महिला कल्याण आदि विभाग को एक समन्वित व समग्र कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि निराश्रित गौ-वंश के संरक्षण के लिए संचालित गौ-आश्रय स्थलों को आय से जोड़ते हुए गोबर से खाद बनाकर खेतों में इसका उपयोग किया जाए।