लखनऊ: अपने आप को अंडरवर्ल्ड माफिया दाउद इब्राहिम का खास होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने उत्तर प्रदेश के करीब 14 विधायकों को धमकी भरे संदेश भेजे हैं जिसके बाद जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है तथा मुख्यमंत्री ने इस मामले में सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिये हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा, ''हमने इस मामले में एसआईटी का गठन किया है । जो भी व्यक्ति यह संदेश भेज रहा है वह प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल कर रहा है। पुलिस दल आईपी एड्रेस से इस व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास कर रहा है।''
डीजीपी सिंह से जब पूछा गया कि क्या धमकी देने वाला व्यक्ति माफिया दाउद इब्राहिम से जुड़ा हो सकता है, इस पर उन्होंने कहा कि फोन करने वाला ‘‘दावा तो कर रहा है और उसके नाम का इस्तेमाल भी कर रहा है लेकिन हम अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं कि वह किसके कहने पर यह कर रहा है।'' डीजीपी ने यह भी कहा कि अभी तक 13 से 14 विधायकों को ऐसे धमकी भरे संदेश आये हैं। विधायकों को भेजे गये सभी संदेशों में दुबई के अली बुद्धेश भाई का नाम है और वह दावा कर रहा है कि वह दाउद का आदमी है। यह शख्स विधायकों से धमकी देकर 10 लाख रूपये की मांग कर रहा है।
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजकर विधायकों को धमकी दिए जाने के प्रकरण का संज्ञान लेते हुये लेते हुए दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि ना सिर्फ विधायकों बल्कि भोपाल के एक पत्रकार सहित दिल्ली और राजस्थान में कुछ अन्य लोगों को भी धमकी भरे मैसेज मिले हैं।
कुमार ने बताया कि एसआईटी मामले की जांच करेगी। प्रथम दृष्टया यह सुनियोजित साजिश लगती है। टैक्सास (अमेरिका) के लैंडलाइन नंबर से मैसेज भेजे गये जिस पर व्हाट्सऐप की सुविधा है। आईपी एड्रेस और गेटवे की जानकारी मिली गयी है। सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) से इस प्रकरण के सभी तथ्यों की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिए हैं कि तत्काल एटीएस और एसटीएफ के माध्यम से प्रकरण की गम्भीरता से जांच की जाए। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण के दोषियों का शीघ्रता से खुलासा करते हुए उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। प्राथमिकी दर्ज कराने वाले विधायकों का कहना है कि उन्हें जो मैसेज मिला है उसमें दस लाख रूपये तीन दिन के भीतर देने के लिए कहा गया है अन्यथा परिवार के सफाये की धमकी दी गयी है।
विधायकों वीर विक्रम सिंह (मीरनपुर कटरा, शाहजहांपुर), प्रेम प्रकाश पाण्डेय (तरबगंज, गोण्डा), विनय कुमार द्विवेदी (मेहनौम, गोण्डा), विनोद कटियार (भोगनीपुर, कानपुर), शशांक त्रिवेदी (महोली, सीतापुर) और अनीता राजपूत (डिबाई, बुलंदशहर) को एक जैसी धमकी मिली हैं। विधायकों को धमकी दिये जाने के मामले में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को घेरते हुये प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने की बात कही है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बयान में कहा कि भाजपा की सरकार में समाज का कोई वर्ग सुरक्षित नहीं है। विधायकों को खुलेआम धमकी भरे संदेश देकर फिरौती मांगी जा रही है, इससे साबित होता है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता एवं महासचिव अरूण प्रकाश सिंह ने कहा कि भयमुक्त और अपराधमुक्त प्रदेश का नारा देकर सत्ता में आई भाजपा के शासनकाल में कानून व्यवस्था का आलम यह है कि आज भाजपा के विधायक ही भयभीत हैं। कहीं तो भाजपा दाउद को पाकिस्तान से लाने की बात कर रही थी और कहां उसकी डी कम्पनी के गुर्गों के टेलीफोन पर रंगदारी मांगने पर भाजपा के एक दर्जन विधायक डरे सहमे अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस के आला अधिकारियों और मुख्यमंत्री से सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं।