नई दिल्ली: घटना दिल्ली-मेरठ हाईवे पर कपड़ा मिल स्थित पंजाब नेशनल बैंक की है। जब शनिवार व रविवार रात को कुछ चोरो ने मिल कर पीएनबी के करीब 30 लॉकर तोड़, उनमें चोरी की वारदात को अनजाम दिया। उन्होनें इन दोनों दिनो का चयन इसलिए किया क्योंकि शनिवार व रविवार बैंक बंद रहता है। जब सोमवार सुबह, दस बजे के करीब बैंक के सहायक शाखा प्रबंधक अनिल कुमार और उनके साथ कैशियर अजय कुमार ने बैंक में प्रवेश कर, स्ट्रांग रुम खोला तो उन्होनें सब सामान बिखरा पाया व सभी ताले भी टूटे हुए पाए। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
बैंक की ओर से कोई सुरक्षा गार्ड तैनात न होने के कारण, चोरो ने इन सभी लॉकर से करोड़ो के जेवरात आसानी से उड़ा लिए। चोरो ने बैंक में बंद पड़ी मोदी टायर फैक्ट्री की तरफ से दिवार तोड़ कर लॉकर क्षेत्र में प्रवेश करने का निर्णय लिया था और साथ ही इतनी बड़ी घटना को वह सकुशल अंजाम दे कर फरार होने में भी सफल रहे। बैंक की इस हालत को देख, मौके पर पुलिस समेत पीएनबी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी कर्नल वीके त्यागी व मेजर विपिन तोमर को तुरंत बुला लिया गया।
पुलिस को स्ट्रांग रुम से कई हथियार जैसे आरी, रॉड, बड़े पेचकस, हथौड़ा, छेनी आदी बरामद हुए। और साथ ही लॉकरों के बाहर पड़े हुए कुछ जेवर भी मिले। सुरक्षा के मुद्दे की बात करें तो जहां तक बैंक पूरी तरह से उसे पुलिस की जिम्मेदारी बता रहा है तो वहीं पुलिस का कहना है कि बैंक द्वारा सुरक्षा कर्मी तैनात किया जाना चाहिए था।
पुलिस का मानना है कि बदमाशों का मददगार कोई स्थानीय व्यक्ति ही है, जिसे बैंक की पूरी जानकारी थी। बैंक के खराब अलार्म के साथ रात में पुलिस पिकेट के वहां ग्शत न करने को भी इसका एक कारण बताया जा रहा है । बैंक में लगभग 435 लॉकर हैं, जिसमें से करीब 96 खाली बताए जा रहे हैं। एवं अन्य 30 में जेवरों की चोरी की गई हैं। इन लॉकरों में कितनी कीमत की नकद राषि थी, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई हैं।
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आखिर भारत में इसे क्यों कहा जाता है ‘उड़ता ताबूत’?