लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैश्विक माहामारी के इस आपात काल में निजी स्वार्थ की राजनीति करने वालों की सोमवार को घोर निंदा की। उन्होंने कहा कि विरोधी दल कोरोना के खिलाफ देश की इस लड़ाई को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें जनता जवाब जरूर देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां जारी एक बयान में कहा कि "अपने शाासन काल में कामगार, गरीब, मजबूर, निराश्रित और महिलाओं की कल्याणकारी योजनाओं की धनराशि हड़प कर जाते थे। वही लोग आज गरीबों के खाते में धनराशि पहुंचने पर बौखला रहे हैं। ऐसा करने वाले कोरोना की लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं, उन्हें जनता जवाब जरूर देगी।"
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, "यह दुर्भाग्य है कि एक तरफ निराश्रित, गरीब, युवाओं के साथ उत्तर प्रदेश सरकार बिना भेदभाव के खड़ी है। वहीं दूसरी तरफ कुछ राजनीतिक दल सेवा के कार्य से अलग हटकर स्वार्थ की राजनीति करने का बेजा प्रयास कर रहे हैं।" योगी ने इसे राजनीतिक गरिमा के खिलाफ अभद्र आचरण बताया।
प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कामों का ब्यौरा देते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा, "उत्तर प्रदेश में 2 करोड़ 34 लाख किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये की पहली किस्त अप्रैल में और दूसरी किस्त इसी माह भेजी जा रही है। इसके अलावा 3 करोड़ 26 लाख महिलाओं के जनधन खाते में 1630 करोड़ रुपये अप्रैल में और 1630 करोड़ रुपये की धनराशि मई महीने में भेज दी गई है। प्रदेश के 1 करोड़ 47 लाख परिवारों को नि:शुल्क रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया गया है। 18 करोड़ गरीबों को दो बार नि:शुल्क खाद्यान्न तिरित किया गया है, तीसरी बार भी यह वितरण शुरू किया जा रहा है। प्रदेश में निराश्रित, गरीब, रोज कमाने वाले, कामगार जैसे 30 लाख से अधिक गरीबों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक हजार रुपये का भरण पोषण भत्ता और निशुल्क खाद्यान्न भी दिया गया है। मनरेगा मजदूरों को बढ़े हुए पारिश्रामिक से भुगतान किया गया है। 88 लाख से अधिक पेंशन धारकों को दो महीनों की धनराशि एडवांस उपलब्ध करा दी गई है।"
उन्होंने दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश वापस आने वाले कामगारों व श्रमिकों को दी जाने वाली सहायता के बारे में बताया कि यूपी में आने वाले गैर प्रवासी मजदूरों को क्चोरंटीन, कम्यूनिटी और शेल्टर होम तक पहुंचाया जा रहा है। सभी को खाद्यान्न देकर घर पहुंचाने का काम प्रदेश सरकार कर रही है।
योगी ने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार ने इन प्रयासों के आधार पर इस लड़ाई को मजबूती देने का काम किया है। प्रदेश सरकार ने 6़ 50 लाख से अधिक कामगारों व श्रमिकों को वापस लाने में सफलता हासिल की है। 28 मार्च को 6 लाख से अधिक कामगारों को वापस लाकर उनके उपचार की व्यवस्था की। साथ ही उनके लिए खाद्यान्न की व्यवस्था के साथ ही एक हजार रुपये भरण पोषण भत्ता देकर होम क्वारंटीन पहुंचाने तक का कार्य उत्तर प्रदेश सरकार ने किया। दूसरे चरण में बीते तीन दिनों के भीतर ही 50 हजार से अधिक कामगार व श्रमिक यूपी में वापस लौटे हैं।"