नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा में 29,560 करोड़ रुपए की लागत से जेवर हवाई अड्डा विकसित करने का ठेका हासिल करने वाली स्विट्जरलैंड की कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को जेवर हवाई अड्डा विकसित करने के लिए सुरक्षा मंजूरी हासिल हो गई है। उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी ने बताया कि यह मंजूरी मंगलवार को प्रदान की गई।
उल्लेखनीय है कि ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल ने अंतराष्ट्रीय निविदा में दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) और अडाणी एंटरप्राइजेज और एंकरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग्स लिमिटेड जैसी कंपनी में पीछे छोड़ कर यह ठेका हासिल किया है। स्विट्जरलैंड की कंपनी ने राजस्व में हिस्सेदारी के मामले में प्रति यात्री सबसे ऊंची बोली लगायी थी। तैयार होने के बाद यह देश का सबसे बड़ा हवाईअड्डा होगा।
जेवर हवाईअड्डा या नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट जब पूरी तरह विकसित हो जाएगा तो यह 5,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा। इसकी अनुमानित लागत 29,560 करोड़ रुपए आंकी गई है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बनने वाला यह तीसरा हवाईअड्डा पूरी तरह से नए सिरे से विकसित (ग्रीनफील्ड) किया जाएगा। इससे पहले दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और गाजियाबाद में हिंडन हवाईअड्डा मौजूद है।
अधिकारी ने बताया कि पूरी तरह बनकर तैयार होने के बाद छह से आठ हवाई पट्टियां होंगी जो देश में अब तक किसी हवाई अड्डे की तुलना में सबसे अधिक होंगी। पहले चरण में हवाईअड्डे का विकास 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जाएगा। इस पर 4,588 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है। इसके 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है।