अयोध्या: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अयोध्य पहुंचकर एक बड़ा बयान दिया है। स्वामी ने शनिवार को कहा कि अयोध्या के साथ काशी और मथुरा दोनों स्थानों पर मस्जिद को हटाने के लिए मुस्लिमों को अलग जमीन देने का प्रस्ताव दिया जाएगा। स्वामी ने कहा कि रामजन्मभूमि के बाद अगला मिशन काशी-मथुरा की मुक्ति होगी। अयोध्या के साथ ही काशी और मथुरा हिंदुओं के पवित्र और पूजनीय स्थल हैं, इसलिए इन दोनों स्थानों पर मस्जिद को हटाने के लिए मुस्लिमों को अलग जमीन देने का प्रस्ताव दिया जाएगा।
‘जो फैसला आएगा वह निष्पक्ष होगा’
उन्होंने कहा कि आस्था का जिक्र संविधान में किया गया है। हिंदू पक्ष की यह आस्था है कि ध्वस्त बाबरी मस्जिद के बीच वाले गुंबद का जो हिस्सा है, वहीं रामलला का जन्म हुआ था। स्वामी ने कहा, ‘पूजा करना हमारा मूलभूत अधिकार है, जबकि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आस्था के आधार पर मुकदमा नहीं लड़ रहा है। बोर्ड यह नहीं कह रहा है कि वह दोबारा मस्जिद बनाना चाहता है। वह कह रहा है कि ये जमीन बाबर की है, जबकि मस्जिद मीर बाकी ने बनवाई, जो शिया था।’ उन्होंने कहा कि मामले की सुनवाई कर रही पीठ के पांचों न्यायाधीश विद्वान हैं, इसलिए जो फैसला आएगा, वह निष्पक्ष होगा।
’15 नवंबर तक आ सकता है फैसला’
स्वामी ने उम्मीद जताई कि रामजन्मभूमि विवाद पर फैसला 15 नवंबर तक आ जाएगा। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उसके चार टुकड़े करना ही उसका इलाज है। गिरती अर्थव्यवस्था के बाबत उन्होंने कहा, ‘अभी मंदी है नहीं, लेकिन हम उस ओर बढ़ रहे हैं। मौजूदा वित्तमंत्री हैं तो परिपक्व नेता, लेकिन अर्थशास्त्र उनकी पढ़ाई का हिस्सा नहीं रहा है, इसीलिए उन्हें अर्थशास्त्र का ज्ञान नहीं है।’ डॉक्टर स्वामी अपने जन्मदिन पर रविवार सुबह रामलला के दर्शन कर प्रमोदवन स्थित कांची के शंकराचार्य आश्रम में हवन-पूजन करेंगे। कारसेवकपुरम में गोसेवा के बाद वह साधु-संतों से मुलाकात करेंगे। (IANS)