उत्तर प्रदेश के छात्रों के पास चंद्रयान 2 की लैंडिग देखने का गोल्डन चांस है। राज्य के सरकारी स्कूलों के लिए एक क्विज का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें जीतने वाले यूपी के कोई दो छात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चंद्रयान 2 की लैंडिंग देखने के साक्षी बनेंगे। दरअसल सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के विजय राघवन नेे यूपी के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजन करने को कहा है।
कक्षा 08 से 12 तक के छात्र ले सकेंगे हिस्सा
इस प्रतियोगिता में कक्षा आठ से लेकर 12 तक के छात्र हिस्सा ले सकते हैं। बता दें कि सितंबर महीने की शुरूआत में चंद्रयान 2 की चांद पर लैंडिंग होने जा रही है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा देश के दो छात्र भी देख सकेंगे। सेकेंडरी एजूकेशन की प्रिंसिपल सेक्रेटरी आराधना शुक्ला ने इसके लिए निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों से राज्य के स्कूलों के वॉट्सएप ग्रुप में इसकी जानकारी देने को कहा है।
स्कूलों के प्रिंसिपल्स को किया जाएगा जागरुक
आराधना शुक्ला ने कहा कि कक्षा आठ से कक्षा 12 तक के छात्र इस क्विज में हिस्सा ले सकेंगे। ये पल उनके लिए जिंदगी का सबसे अविस्मरणीय पल होगा। चंद्रयान-2 की सफलता हम सबके और राष्ट्र के लिए गर्व का क्षण होगा। हम छात्रों को क्विज में भाग लेने के बाद शॉर्टलिस्ट करेंगे। उन्होंने डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर्स ऑफ स्कूल्स को इसके लिए स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ तुरंत मीटिंग करने के लिए कहा है और इस प्रतियोगिता की जानकारी देने और उन्हें जागरुक करने को कहा है।
लखनऊ के डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्टर ऑफ स्कूल्स मुकेश सिंह ने कहा कि छात्र इस क्विज में हिस्सा लेने के लिए उत्साहित हैं और पीएम मोदी के साथ चंद्रयान-2 की लैंडिंग देखने के लिए काफी इंतजार भी कर रहे हैं और इसीलिए वो क्विज की भी जोरशोर से तैयारी कर रहे हैं जिसका फोकस विज्ञान पर है।
ISRO अध्यक्ष के सिवन ने बताया कैसे होगी लैंडिंग
कुछ दिन पहले बेंगलुरु स्थित इसरो मुख्यालय में चेयरमैन डॉक्टर के सिवन ने मीडिया ब्रीफिंग के जरिए चंद्रयान 2 के लूनर ऑर्बिट में प्रवेश के बाद चंद्रयान 2 की आगे की राह के बारे में जानकारी दी थी। मीडिया ब्रीफिंग के दौरान चंद्रयान 2 के मॉडल को हाथ में लेकर उन्होंने बताया कि किस तरह ऑर्बिटर से लैंडर अलग होगा। उन्होंने लैंडर विक्रम के अलग होने के बाद चुनौतियों के बारे में बताया कि कई चुनौतियां हैं। सबसे पहले उनकी गति को कंट्रोल करना।
अध्यक्ष सिवन ने आगे बताया, 'अगला अहम चरण 2 सितंबर को होगा जब ऑर्बिटर से लैंडर निकल जाएगा। इसके बाद हमें दोनों हिस्सों का नियंत्रण करना होगा। ऑर्बिटर से अलग होने के बाद लैंडर चांद के चारों तरफ 100 किलोमीटर गुणा 30 किलोमीटर की कक्षा में प्रवेश कर जाएगा। अंतत: यह 7 सितंबर 2019 को यह चंद्रमा के साउथ पोल के क्षेत्र में प्रवेश करेगा।'
लैंडिंग की अवधि होगी खतरनाक
सिवन ने बताया कि पूरी एक्यूरेसी से काम कर रहे हैं, ताकि चंद्रयान-2 को चंद्रमा के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक उतार सकें। उन्होंने कहा, 'जब हम सबकुछ सही पाएंगे तो चंद्रयान-2 को चांद पर उतारने की प्रक्रिया शुरू होगी।' उन्होंने आगे बताया कि 7 सितंबर को प्रात:काल 1:55 बजे लैंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर सतह पर लैंड करेगा। यह लैंडिंग के दौरान की अवधि काफी खतरनाक होगी। इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद पत्रकारों के सवालों का बेहतरीन और रोचक तरीके से जवाब दिया।