लखनऊ: कांग्रेस में शामिल होने को अपनी ‘घर वापसी’ बताते हुए बसपा के पूर्व नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने आज कहा कि कांग्रेस की केंद्र और उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी उनकी जिंदगी का एकमात्र मकसद रह गया है। सिद्दीकी ने कहा कि अब वह कांग्रेस के एक सिपाही हैं। उनके आने से मुस्लिम समाज तो कांग्रेस की तरफ आएगा ही, साथ ही सर्व समाज भी पार्टी से जुड़ेगा।
उप्र की मायावती सरकार में मंत्री रहे सिद्दीकी गत 22 फरवरी को दिल्ली में अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा ''मेरे दादा और पिता हमेशा कांग्रेस में ही रहे, उनका पूरा परिवार कांग्रेसी था। यहां तक उनके ससुर फरजंद अली तो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ जेल भी गए थे। मैं सरकारी नौकरी में था और वॉलीबॉल का खिलाड़ी था। तीन दशक पहले बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आया और फिर उन्हीं के साथ हो लिया। पूरी वफादारी के साथ तीन दशक तक कांशीराम के मिशन को आगे बढ़ाया लेकिन बाद में हालात कुछ ऐसे हो गए कि पार्टी छोड़नी पड़ी। अब अपने खानदानी घर कांग्रेस में आया हूं। एक तरह से यह हमारी घर वापसी है।''
उन्होंने कहा ''केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तराखंड और मध्यप्रदेश की हर विधानसभा सीट के एक-एक बूथ के बारे में मुझे जानकारी है क्योंकि मैंने कई साल तक एक सामान्य कार्यकर्ता की तरह बूथ स्तर पर काम किया है। अब अपना सारा अनुभव मैं कांग्रेस पार्टी को केंद्र की सत्ता में लाने और उत्तर प्रदेश में जोरदार वापसी के लिए लगाऊंगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या वह आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे, इस पर उन्होंने कहा कि ''मैं कांग्रेस पार्टी में अपने समर्थकों के साथ बिना किसी शर्त के शामिल हुआ हूं। पार्टी और अध्यक्ष राहुल जो आदेश देंगे मैं उसका पालन करूंगा। मैं पार्टी में किसी पद या टिकट पाने के लिए नही आया हूं, मुझे बस पार्टी को मजबूत करना है।’’
उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में सांप्रदायिक शक्तियों का मुकाबला केवल कांग्रेस ही कर सकती है और इसका परिणाम सबको आगामी लोकसभा चुनाव में देखने को मिल जाएगा।