लखनऊ। लोकसभा चुनाव को लेकर किए गए सपा-बसपा-रालोद गठबंधन का चुनाव परिणाम के साथ ही गुबार फूट गया। अब यह कहना मुश्किल हैं कि यह गठबंधन आने वाले चुनावों में रहेगा या नहीं। सोमवार को सूत्रों से ये खबरें मिली की बसपा अध्यक्ष मायावती 11 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव अकेले ही लड़ना चाहती हैं।
सूत्रों के मुताबिक मायावती का यह कहना है कि उनकी पार्टी को यादव और जाट वोट नहीं मिला। अब गठबंधन को लेकर फिरोजाबाद के सिरसागंज से समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि गठबंधन से सिर्फ मायावती को फायदा हुआ, समाजवादी पार्टी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।
उन्होंने आगे कहा, “अगर यह गठबंधन नहीं हुआ होता तो मायावती को शून्य सीटें मिलतीं जबकि समाजवादी पार्टी को 25 सीटें मिलती। यादव समुदाय के लोगों ने मायावती के लिए वोट किया लेकिन बहनजी का वोट भाजपा को गया।”
सोमवार को अखिलेश यादव से मीडिया ने जब मायावती के गठबंधन को बयान के बारे में सवाल किए तो उन्होंने कहा कि मायावती ने क्या कहा इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा, ''जमीन पर काम करेंगे तभी चुनाव जीत पाएंगे।''
आपको बता दें कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन उत्तर प्रदेश में बुरी तरह धाराशाही हो गया। साल 2014 में शून्य सीटें जीतने वाली बसपा को इस चुनाव में 10 लोकसभा सीटें नसीब हो गईं, लेकिन सपा 5 सीटों से आगे न बढ़ सकी, जबकी उसे बदायूं, फिरोजाबाद और कन्नौज जैसे गढ़ इस बार गवांने पड़े। दूसरी तरफ मुज्जफरनगर और बागपत में रालोद के अजित सिंह और जयंत चौधरी भी नहीं जीत पाए।