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सोनभद्र जनसंहार: 32 ट्रैक्टरों पर सवार 200 लोगों ने आधे घंटे गोलियां बरसाकर बिछा दीं 10 लाशें

सोनभद्र जिले के मूर्तिया गांव में खेले गए खूनी खेल के बावत पता चला है कि ग्राम प्रधान व जनसंहार का प्रमुख आरोपी यज्ञ दत्त ने विवादित जमीन पर कब्जा करने के लिए 32 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर करीब 200 व्यक्तियों को लाया था।

Reported by: IANS
Published : July 19, 2019 18:40 IST
S P Salman Taj Patil visits the house of a victim killed...
S P Salman Taj Patil visits the house of a victim killed over a property dispute, in Sonbhadra district

सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के मूर्तिया गांव में खेले गए खूनी खेल के बावत पता चला है कि ग्राम प्रधान व जनसंहार का प्रमुख आरोपी यज्ञ दत्त ने विवादित जमीन पर कब्जा करने के लिए 32 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर करीब 200 व्यक्तियों को लाया था। अंधाधुंध गोलीबारी में 10 लोगों की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, भूमि को जोत रहे आदिवासियों द्वारा जमीन पर कब्जे का विरोध किए जाने पर यज्ञ दत्त के लोगों ने उन पर आधा घंटा से ज्यादा समय तक गोलीबारी की।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी और जैसे ही लोग जमीन पर गिरने लगे, उन पर लाठियों से भी हमला किया गया। यह बहुत खौफनाक था।" प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "हमें नहीं पता था कि वे लोग हथियारों-बंदूकों से लैस होकर आए थे। उन्होंने जब फायरिंग शुरू की तो हम खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे और पुलिस को सूचना दी। पुलिस एक घंटा बाद आई।"

ग्रामीणों व गांव प्रधान के बीच विवाद 36 एकड़ जमीन को लेकर है। शुरुआती जांच में पता चला है कि आदिवासी लोग पीढ़ियों से उस जमीन को जोतते आ रहे हैं, लेकिन उनके पास इसके स्वामित्व का कोई सबूत नहीं है, जिसकी मांग वे दशकों से कर रहे हैं। मुख्य आरोपी का दावा है कि उसने 10 साल पहले एक प्रमुख स्थानीय परिवार से वह जमीन खरीदी थी।

सन् 1955 में भूमि का एक बड़ा हिस्सा, जिसमें गांव का भाग भी शामिल है, उसे एक परिवार द्वारा बनाए गए एक कोऑपरेटिव सोसाइटी को स्थानांतरित कर दिया गया। ऐसा एक सरकारी योजना के तहत किया गया। साल 1966 में इस योजना को समाप्त कर दिया गया, लेकिन जमीन सरकार को वापस नहीं की गई। साल 1989 में जमीन को उसी परिवार के व्यक्तियों को स्थानांतरित कर दिया गया। इसमें एक आईएएस अधिकारी के रिश्तेदार भी शामिल हैं। इस परिवार ने ग्राम प्रधान को 2010 में जमीन का एक हिस्सा बेच दिया।

एक भाजपा नेता छोटे लाल ने कहा, "आदिवासी लोग दशकों से सरकारी अधिकारियों से अपील कर रहे हैं। उन्होंने बिक्री पर भी आपत्ति जताई। इस जमीन पर स्थानीय ग्राम सभा का अधिकार होना चाहिए, लेकिन उनकी कोई नहीं सुनता।"

जनसंहार के सिलसिले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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