नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश से इस समय खराब कानून व्यवस्था और अपराधियों के ऊंचे मनोबल से जुड़ी कहानियां रोज सामने आ रही हैं। यह सब तब हो रहा है जब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्य में अपाराधियों का सफाया करने के लिए ऑपरेशन क्लीन चला रहे हैं। रोज ईनामी बदमाशों का पुलिस एनकाउंटर कर रही है। बावजूद इसके अपराधियों के मंसूबे कम होते नहीं दिख रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में पुलिस की लापरवाही से एक युवक की और जान चली गई। अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपए दिलाने के बाद भी पुलिस कानपुर में संजीत यादव को बचा नहीं पाई। इससे पहले गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी को भी कुछ गुंडों ने सरेआम गोली मारी थी। उस समय भी पुलिस की लापरवाही सामने आई थी। विक्रम ने पुलिस से कुछ मनचलों की शिकायत की थी, जिसके बाद भी उन पर कोई कार्रवाई पुलिस द्वारा नहीं की गई थी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस घटना के बाद योगी सरकार पर फिर एक बार हमला बोला है।
प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि उप्र में कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। आम लोगों की जान लेकर अब इसकी मुनादी की जा रही है। घर हो, सड़क हो, ऑफिस हो कोई भी खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करता। विक्रम जोशी के बाद अब कानपुर में अपहृत संजीत यादव की हत्या। पुलिस ने किडनैपर्स को पैसे भी दिलवाए और उनकी हत्या कर दी गई। एक नया गुंडाराज आया है। इस जंगलराज में कानून-व्यवस्था गुंडों के सामने सरेंडर कर चुकी है।
करीब महीने भर पहले अपहृत पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव की दोस्तों ने ही हत्या कर दी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया था। गुरुवार रात पुलिस ने दो दोस्तों समेत चार युवकों और एक युवती को हिरासत में लिया है। पूछताछ में आरोपितों ने 26 जून को ही हत्या करके शव पांडु नदी में बहाया जाना कबूल किया है। इनकी निशानदेही पर पुलिस ने संजीत की बाइक बरामद कर ली है। वारदात को फिरौती की रकम के लिए अंजाम दिया गया।