लखनऊ। यूपी में अगले साल यानी 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। आल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को लखनऊ में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव से मुलाकात की। यूपी में 2022 में विधान सभा चुनाव है और ओवैसी प्रदेश में अपने लिए मज़बूत साथी की तलाश में है। लखनऊ के विक्रमादित्य मार्ग पर बने शिवपाल यादव के बंगले में ओवैसी अपने समर्थकों के साथ पहुंचे। करीब एक घंटे ओवैसी और शिवपाल यादव के बीच बातचीत हुई। बाहर निकलकर ओवैसी ने शिवपाल यादव को बड़ा नेता बताया लेकिन शिवपाल यादव इस मुलाकात पर कुछ नहीं बोले। वहीं सियासी गलियारों में ओवैसी और शिवपाल यादव के बीच गठबंधन के कयास लगाए जा रहे हैं।
ओवैसी लगातार यूपी के दौरे पर है और 2022 के विधानसभा चुनाव में 100 सीट पर उम्मीदवार उतारने का एलान कर चुके हैं लेकिन यूपी में ओवैसी के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है। ओवैसी की नज़र पिछले कई दिनों से शिवपाल यादव पर है। बता दें कि, इसी साल फरवरी में ओवैसी और शिवपाल यादव की मुलाकात आज़मगढ़ में एक शादी में हुई थी। जिसके बाद ओवैसी लखनऊ आने पर दो बार शिवपाल यादव को मिलने के लिए फोन कर चुके है, लेकिन दोनों बार शिवपाल के शहर के बाहर होने की वजह से ये मुलाकात नहीं हो सकी। मंगलवार को ओवैसी ने शिवपाल यादव से मिलने का समय मांगा और शाम करीब साढ़े सात बजे ओवैसी शिवपाल के घर पहुंचे। ओवैसी के साथ उनके पार्टी के 10-15 नेता भी थे लेकिन ओवैसी और शिवपाल की अकेले में बात हुई।
ओवैसी ने 2017 के विधान सभा चुनाव में 38 उम्मीदवार उतारे थे जिंनमे से 37 की जमानत ज़ब्त हो गई थी। ओवैसी की नज़र अब उन 100 सीट पर है जहाँ मुस्लिम वोट ज़्यादा है।यूपी में मुस्लिम वोट करीब 19 फीसदी है लेकिन करीब 143 विधान सभा सीट पर मुस्लिम वोट मायने रखता है।करीब 75 विधान सभा सीट पर मुस्लिम वोट 40 से 45 फीसदी और 70 विधान सभा सीट पर 20 से 30 फीसदी मुस्लिम वोट है।लेकिन ओवैसी जानते है कि सिर्फ मुस्लिम वोट से उनकी पार्टी को जीत नही हासिल होगी इसलिए वो शिवपाल यादव को अपने साथ करने की कोशिश में है।
उधर शिवपाल यादव ऐसे साफ संकेत दे चुके हैं कि उनकी पहली पसंद समाजवादी पार्टी है। शिवपाल कह चुके हैं कि वो चाहते है कि अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बनें। हाल में अखिलेश यादव शिवपाल यादव को फ़ोन भी कर चुके हैं, लेकिन अखिलेश अभी चाचा शिवपाल के बारे में अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। कहा जा रहा है कि शिवपाल अखिलेश यादव के जवाब के इंतज़ार में हैं साथ में अपने विकल्प भी खुले रख रहे हैं।