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राम मंदिर भूमि पूजन के मुहूर्त को शंकराचार्य ने बताया अशुभ घड़ी, की मंदिर को अंकोरवाट की तरह विशाल और भव्य बनाने की मांग

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य स्वामी गोविंद देवगिरि महाराज ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के पांच अगस्त को भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे लेकिन अब मुहूर्त के वक्त पर हीं सवाल खड़े किए जाने लगे हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 23, 2020 8:13 IST
Shankaracharya Swaroopanand Saraswati on Shriramjanm Bhoomi pujan- India TV Hindi
Image Source : PTI Shankaracharya Swaroopanand Saraswati on Shriramjanm Bhoomi pujan

नई दिल्ली: श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य स्वामी गोविंद देवगिरि महाराज ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के पांच अगस्त को भूमि पूजन समारोह में शामिल होंगे लेकिन अब मुहूर्त के वक्त पर हीं सवाल खड़े किए जाने लगे हैं। ये सवाल खड़े किए हैं शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने। उन्होंने भूमिपूजन के तय वक्त को अशुभ घड़ी बताया है।

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उन्होंने कहा कि कोई कार्य उत्तम काल खंड में शुरू किया जाता है। पांच अगस्त को दक्षिणायन भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। शास्त्रों में भाद्रपद मास में गृह-मंदिरारंभ निषिद्ध है। उन्होंने कहा कि विष्णु धर्म शास्त्र के अनुसार, भाद्रपद मास में किया गया शुभारंभ विनाश का कारण होता है। दैवज्ञ बल्लभ ग्रंथ में कहा गया है कि भाद्रपद में किया गया गृहारंभ निर्धनता लाता है।

स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने ये भी कहा है कि जब रामलला का भव्य मंदिर जनता के पैसे से ही बनना है तो जनता की राय भी ली जानी चाहिए कि मंदिर का मॉडल कैसा हो। उन्होंने ये भी मांग की है कि भगवान राम का मंदिर कंबोडिया के अंकोरवाट की तरह विशाल और भव्य बने।

इस बीच राम लला के भव्य मंदिर के नए मॉडल की डिजाइन भी सामने आ चुकी है। इसमें कई बदलाव किए गए हैं। अब राममंदिर 3 मंजिल का होगा। नए मॉडल के मुताबिक राम मंदिर 10 एकड़ में बनेगा और शेष 57 एकड़ को राम मंदिर परिसर के तौर पर विकसित किया जाएगा। राम मंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका बनाई जाएगी जिसमें 27 नक्षत्र के वृक्ष लगाए जाएंगे। राम मंदिर परिसर में बाल्मीकि रामायण में वर्णित वृक्षों को भी लगाया जाएगा और इनका नाम भी बाल्मीकि रामायण के आधार पर ही रखा जाएगा।

गौरतलब है कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनेगा ये सुप्रीम कोर्ट ने तय कर दिया है। मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन की तारीख भी रामलला ट्रस्ट ने तय कर दी है। पांच अगस्त को भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न्यौता भी भेज दिया गया है, लेकिन अब जगदगुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने सवाल खड़े कर दिए हैं।

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