शाहजहांपुर: स्वामी चिन्मयानंद प्रकरण में 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने की कथित आरोपी पीड़िता को इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मंजूर होने के बाद बुधवार को जिला जेल से रिहा कर दिया गया। जेलर राजेश कुमार राय ने बताया कि चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने की आरोपी पीड़िता की जमानत हाई कोर्ट से मंजूर होने के बाद पीड़िता की रिहाई का आदेश जेल पहुंचा। इसके बाद पीड़िता को उसके पिता की सुपुर्दगी में दे दिया गया है।
रंगदारी मांगने की आरोपी कानून की छात्रा के अधिवक्ता सरदार कलविंदर सिंह ने बताया कि पीड़िता को 25 सितंबर को एसआईटी ने उसके रंग महिला स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया और इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पीड़िता की जमानत 4 दिसंबर को मंजूर कर ली थी। उन्होंने बताया कि इसके बाद जमानत संबंधी आदेश यहां मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ओमबीर की अदालत में दाखिल किया गया। इसके बाद एक-एक लाख के दो जमानती के प्रपत्र दाखिल किए गए जिनका सत्यापन आज होकर कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने पीड़िता को रिहा करने का आदेश जेल भेजा।
स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोप में जेल में पीड़िता के अलावा उसके साथी संजय, विक्रम और सचिन भी बंद है जिनमें से विक्रम की जमानत भी हाई कोर्ट से मंजूर हो गई है, परंतु उसे अभी रिहा नहीं किया गया है। स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पीड़िता को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आरोपी बनाते हुए उसे 25 सितंबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था जबकि चिन्मयानंद को 20 सितंबर को ही गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। स्वामी चिन्मयानंद की जमानत याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई होने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। ऐसे में स्वामी चिन्मयानंद को अभी जेल में ही रहना होगा।
मुमुक्षु आश्रम द्वारा संचालित स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में एलएलएम की एक छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल करके स्वामी चिन्मयानंद पर यौन शोषण का गंभीर आरोप लगाया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद एसआईटी ने मामले की जांच की और स्वामी चिन्मयानंद को यौन शोषण के आरोप में तथा पीड़िता समेत उसके तीन अन्य साथियों को स्वामी चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने के आरोप में जेल भेज दिया। एसआईटी ने सीजेएम की अदालत में आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया है इसी मामले में बुधवार को पीड़िता की जमानत होने के बाद उसे जेल से रिहा कर दिया गया है। (भाषा)