उन्नाव: उन्नाव में आग के हवाले की गई बलात्कार पीड़िता की मौत के बाद अब पुलिस ने विभागीय कार्रवाई करते हुए सात पुलिसकर्मियों को निलंबित किया है। निलंबित होने वाले सात पुलिसकर्मियों में थाना बिहार निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी भी शामिल हैं। त्रिपाठी के अलावा बीट/हल्का प्रभारी उ0नि0 अरविन्द सिंह रघुवंशी, उ0नि0 श्रीराम तिवारी, बीट आरक्षी अब्दुल वसीम, आरक्षी पंकज यादव, आरक्षी मनोज और आरक्षी संदीप कुमार को भी निलंबित किया गया है।
उन्नाव एसपी की ओर से आदेश से जानकारी मिली कि सभी को कार्य के प्रति लापरवाही, अपराध नियन्त्रण/अभियोगों से सम्बन्धित घटित घटनाओं के प्रति शिथिलता और स्वेच्छाचारिता को द्रष्टिगत रखते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि पीड़िता के परिवार ने लखनऊ मंडलायुक्त और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की ओर से आश्वासन मिलने के बाद पीड़िता का रविवार को अंतिम संस्कार किया।
इससे पहले पीड़िता के परिजन ने कहा था कि वे पीड़िता का तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक उत्तर प्रदेश को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनसे मिलने नहीं आते। इसके बाद लखनऊ के मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने परिजन से करीब आधे घंटे की और उन्हें समझाया-बुझाया जिसके बाद पीड़िता के परिवार के लोग अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए। बाद में कड़ी सुरक्षा के बीच गांव के बाहर एक खेत में शव को दफना दिया गया।
अंतिम संस्कार में मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य और कमल रानी वरुण के अलावा मेश्राम तथा अन्य आला अधिकारी भी शामिल हुए। मेश्राम ने बताया कि परिजनों को 25 लाख रुपए और प्रधानमंत्री आवास के साथ ही सुरक्षा भी उपलब्ध कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि उन्नाव जिले के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली बलात्कार पीड़िता को गुरुवार तड़के रेलवे स्टेशन जाते वक्त रास्ते में पांच लोगों ने आग के हवाले कर दिया था।
आरोपियों में से दो के खिलाफ पीड़िता ने बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। करीब 90 प्रतिशत तक झुलस चुकी युवती को एअरलिफ्ट कराकर दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां शुक्रवार देर रात उसकी मौत हो गई। पीड़िता की मौत के बाद से उसका परिवार आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग कर रहा है।