नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑपरेशन क्लीन का असर दिखने लगा है क्योंकि प्रदेश में कल तक जो दूसरों की जान लेते थे वही अब अपनी जान की भीख मांगते नजर आने लगे हैं। योगी राज में दनादन पुलिस मुठभेड़ों से अपराधियों की बोलती बंद हो गयी है। साल भर में 40 बदमाश मारे जा चुके हैं इसीलिए अब अपराधी बेल लेने के बदले जेल में ही रहना चाहते हैं। ऐसा ही एक मामला कैराना में सामने आया है जहां दो पेशेवर अपराधी हाथ में तख्तियां लेकर घूमते नजर आ रहे थे। तख्ती में लिखा था कि हम अब अपराध नहीं करेंगे, मेहनत मजदूरी कर परिवार को पालेंगे, कृपया हमें माफ कर दें।
इन अपराधियों का नाम है सलीम अली और इरशाद अहमद और इन्हें डर है कि कहीं यूपी पुलिस उनका एनकाउंटर न दे, इसलिए वे ऐसा करके सार्वजनिक तौर पर माफी मांग रहे हैं। ये दोनों कई लूट और हत्या के मामलों में आरोपी हैं। उन्हें हाल ही में जमानत पर जेल से छोड़ा गया है। उन्होंने शामली के एसपी अजय पाल शर्मा को भी इसी अपील का एक शपथपत्र दिया है।
कैराना में रंगदारी मांगना व विरोध करने पर उन्हें मौत के घाट उतारना आम बात थी। गैंगस्टर मुकीम काला समेत कई बड़े बदमाश व्यापारियों से रंगदारी वसूलते थे। इसी कारण कैराना में व्यापारियों ने पलायन कर अन्य प्रदेशों व जिलों में अपना ठिकाना बना लिया था। दुनिया-देश में कैराना का पलायन मुद्दा सुर्खियों में रहा।
भाजपा सरकार के बाद माहौल में बदलाव आया। योगी सरकार में दिसंबर 2017 तक 895 पुलिस एनकाउंटर हो चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक यूपी में रोज 3 एनकाउंटर हो रहे हैं। गोरखपुर जोन में सिर्फ 24 एनकाउंटर दिसंबर 2017 तक हुए हैं। मतलब जनवरी 2018 तक 1 हजार एनकाउंटर के करीब है यूपी पुलिस। एनकाउंटर की इन तस्वीरों को देखकर लगता है योगी का ऑपरेशन क्लीन यूपी में असर कर गया है। कमजोर कानून व्यवस्था वाले उत्तर प्रदेश में अब पुलिस एनकाउंटर मशीन में तब्दील हो गई है।