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उत्तर प्रदेश: आयकर विभाग का नोटिस मिलने से संत समाज में रोष, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र

अखिल भारतीय संत समिति ने संतों को दिए गए आयकर विभाग के उस नोटिस का कड़ा विरोध किया है, जिसके लिए संतों को कोई पैसा मिला ही नहीं।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 15, 2021 19:06 IST
आयकर विभाग का नोटिस मिलने से संत समाज में रोष, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र- India TV Hindi
Image Source : PTI FILE आयकर विभाग का नोटिस मिलने से संत समाज में रोष, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र

प्रयागराज। अखिल भारतीय संत समिति ने संतों को दिए गए आयकर विभाग के उस नोटिस का कड़ा विरोध किया है, जिसके लिए संतों को कोई पैसा मिला ही नहीं। नोटिस के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर संत समिति ने आंदोलन की धमकी दी है। अखिल भारतीय संत समिति सनातन हिंदू धर्म के विभिन्न अखाड़ों और मठों का एक संयुक्त मंच है।

समिति के अनुसार, आयकर विभाग ने कथित तौर पर सनातन धर्म के 13 अखाड़ों और तीर्थराज प्रयागराज के सभी प्रमुख मठों को नोटिस भेजा है। अखिल भारतीय संत समिति ने नोटिस को सनातन हिंदू धर्म को बदनाम करने और हिंदू धमाचार्यो को अपमानित करने की साजिश करार दिया। समिति ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने संवाददाताओं से कहा, "प्रयागराज में कुंभ 2019 के दौरान राज्य सरकार और केंद्र के संयुक्त प्रयासों से कुछ काम किए गए थे, ताकि तीर्थयात्री वहां आराम से रह सकें। उस समय, यूपी सरकार ने कुंभ आने वाले तीर्थयात्रियों को कई सुविधाएं देने के लिए 13 अखाड़ों और प्रमुख मठों में कई काम करवाए थे। जल निगम इस काम के लिए निष्पादन एजेंसी थी और यूपी सरकार और केंद्र सरकार ने इसके लिए फंड दिया था।"

उन्होंने कहा कि अखाड़ों और संतों का उस फंड से कोई लेना-देना नहीं था। उन्हें अपने बैंक खातों में उस काम के लिए कोई धनराशि नहीं मिली। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद, आयकर विभाग ने 13 अखाड़ों और प्रमुख मठों को उस फंड के लिए नोटिस दिया जो उन्हें कभी मिला ही नहीं। स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि नोटिस के माध्यम से, संतों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने और स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। 

उन्होंने कहा, "एक भारतीय नागरिक के रूप में, यह हमारा कर्तव्य है कि हम जो फंड प्राप्त करते हैं, उसका हिसाब दें। लेकिन जो फंड कभी मिला ही नहीं उसका हिसाब कैसे दें?" उन्होंने दावा किया कि यह संतों का 'अपमान' है और सनातन धर्म को बदनाम करने की 'साजिश' है और इससे संत समाज में काफी रोष है। उन्होंने कहा, "समिति ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अगर नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो संत समाज सड़कों पर उतरेगा।"

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