नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में लंबे समय से समाजवादी पार्टी में जारी घमासान और विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद आखिरकार पार्टी टूट ही गई। हाशिए पर चल रहे शिवपाल यादव ने शुक्रवार को अलग पार्टी समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाने का ऐलान कर दिया। सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस नए मोर्चे के अध्यक्ष होंगे। इस मौके पर शिवपाल यादव ने कहा कि नेताजी के सम्मान की खातिर नई पार्टी का गठन कर रहा हूं। अभी दो रोज पहले उन्होंने इटावा में इसके संकेत भी दिए थे। हालांकि उस दौरान उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से कहा था कि वह इस पद को छोड़ दें और उनकी जगह मुलायम सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। (अगले राष्ट्रपति के लिए द्रौपदी मुर्मू के नाम की हो रही है चर्चा.....)
गौरतलब है कि मुलायम सिंह बीती रात से ही इटावा में हैं और शिवपाल यादव संग चर्चा कर रहे हैं। यूपी चुनाव में करारी हार के बाद शिवपाल ने साफ कर दिया था कि अगर मुलायम सिंह को अखिलेश सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद नहीं सौंपते हैं तो वे अलग पार्टी का गठन करेंगे। दो दिन पहले वैसे शिवपाल ने नए मोर्चे के ऐलान की घोषणा कर दी थी।
बता दें अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा चुनावों के वक्त मुलायम सिंह को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पद से हटाकर खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। उन्होंने मीडिया से कहा था कि वह सिर्फ तीन महीने के लिए अध्यक्ष बने हैं और चुनाव के बाद वह नेताजी को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद लौटा देंगे।
मुलायम के परिवार में इसे लेकर दो फाड़ है। अपर्णा यादव भी कह चुकी हैं कि मुलायम सिंह को अध्यक्ष पद लौटा दिया जाना चाहिए। उनके परिवार में मुलायम सिंह यादव, उनकी दूसरी पत्नी साधन यादव और छोटे बेटे प्रतीक यादव, बहू अपर्णा यादव और शिवपाल एक तरफ हैं जबकि रामगोपाल यादव परिवार के इस विवाद में शुरू से ही मुलायम और शिवपाल के खिलाफ अखिलेश के साथ खड़े हैं। मुलायम को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद हटवाने में भी रामगोपाल यादव का बड़ा रोल था।
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