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आजम खां के ऊपर 26 किसानों के केस, घोषित हो सकते हैं भूमाफिया, गिरफ्तारी का भी खतरा

किसानों की जमीन कब्जाने के मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खां पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : July 17, 2019 12:38 IST
UP anti-land grabbing portal was established by Yogi Adityanath, to identify land mafia | PTI File
UP anti-land grabbing portal was established by Yogi Adityanath, to identify land mafia | PTI File

लखनऊ: मोहम्मद अली जौहर युनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीन कब्जाने के मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सांसद आजम खां पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आजम खां ने जमीन पर 'जबरन कब्जा' करने से पहले 2 दर्जन से ज्यादा किसानों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखवाया और कई दिनों तक उन्हें प्रताड़ित किया। इस मामले में अभी तक कुल 26 किसानों ने कहा है कि आजम ने उनकी जमीन पर जबर्दस्ती कब्जा किया।

आजम के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग

जमीन कब्जाने के मामले में अब रामपुर के ही लोग आजम खान के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। आजम का गढ़ माने जाने वाले रामपुर में उनका विरोध बढ़ता ही जा रहा है। हालात यहां तक बदतर हो चुके हैं कि आजम के समर्थकों और विरोधियों के बीच शहर की सड़कों पर झड़पें होने लगी हैं। रामपुर के कई लोगों ने पीड़ित किसानों के साथ मिलकर यूनिवर्सिटी के गेट पर धरना-प्रदर्शन भी किया जहां सपा नेता के समर्थकों से इनकी भिड़ंत हो गई। इन दोनों गुटों में टकरावों के चलते रामपुर की कानून व्यवस्था संभालने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ रही हैं। 

क्या है यूनिवर्सिटी की जमीन का पूरा मामला
रामपुर के अजीम नगर थाने में दर्ज आपराधिक मुकदमे के मुताबिक, आजम खां और उनके निकट सहयोगी पूर्व पुलिस उपाधीक्षक आलेहसन खान ने कथित रूप से फर्जी दस्तावेज के आधार पर सपा नेता की करोड़ों की निजी परियोजना 'मोहम्मद अली जौहर युनिवर्सिटी' के लिए कई सौ करोड़ रुपये से अधिक की जमीन हड़प ली। रामपुर के पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने बताया, ‘छब्बीस किसानों ने कहा है कि आजम खां और आलेहसन ने अवैध रूप से उन्हें हिरासत में लिया और उनकी कई हजार हेक्टेयर जमीन हासिल करने के लिए जाली कागजात पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला।’ 

Samajwadi Party Azam Khan land grabbing case, to be listed as land mafia on UP anti-land grabbing po

आजम खां और अखिलेश यादव | PTI

‘जबरन कब्जा कर ली किसानों की जमीन’
शर्मा ने कहा, ‘जब किसानों ने साइन करने से इनकार कर दिया, तो उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया गया। रामपुर के तत्कालीन CO आलेहासन ने गरीबों की जमीन हड़पने में अपनी आधिकारिक हैसियत का दुरुपयोग किया। तथ्यों की पुष्टि होने के बाद हमने आजम खां के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। यह मामला राजस्व विभाग की जांच के आधार पर दर्ज किया गया, जिसमें सभी प्रासंगिक दस्तावेजों की जांच की गई थी और किसानों के बयान दर्ज किए गए थे, जो मुख्य रूप से अल्पसंख्यक समुदाय के हैं। राजस्व विभाग की शिकायत के आधार पर आजम के खिलाफ 26 अलग-अलग मामले दर्ज किए जाएंगे, क्योंकि इसमें जमीन के अलग-अलग हिस्से और अलग-अलग मालिक शामिल हैं।’

आजम खां की गिरफ्तारी भी संभव
यह पूछे जाने पर कि क्या आजम खां को गिरफ्तार किया जा सकता है, शर्मा ने कहा, ‘यह किसी भी समय हो सकता है। जांच जारी है।’ FIR के मुताबिक, किसानों की जमीन हथियाने के अलावा, आजम खां ने कोसी नदी के किनारे 5,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करने के लिए 2012 से 2017 के बीच कैबिनेट मंत्री के तौर पर अपने पद का दुरुपयोग भी किया। एक राजस्व अधिकारी ने कहा, ‘राजस्व रिकॉर्ड कथित रूप से जाली थे और कई सौ करोड़ रुपये की जमीन पर अवैध रूप से मोहम्मद जौहर अली विश्वविद्यालय द्वारा कब्जा कर लिया गया।’

‘भू-माफिया’ घोषित हो सकते हैं आजम खां
रामपुर का जिला प्रशासन अब राज्य सरकार के 'एंटी-भू माफिया' पोर्टल पर आजम को भूमि माफिया के रूप में सूचीबद्ध करने पर विचार कर रहा है। 2017 में सत्ता संभालने के तुरंत बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने भू-माफिया की पहचान करने और जमीन कब्जाने से संबंधित लोगों की शिकायत दर्ज कराने के लिए इस पोर्टल की शुरुआत की थी। आजम पर 30 से भी ज्यादातर मामले दर्ज हैं जिनमें सबसे ज्यादा मामले सरकारी जमीन और गरीबों की जमीन हथियाने के हैं। अजय पाल शर्मा ने बताया कि जमीन हथियाने के कई मामलों को ध्यान में रखते हुए आजम का नाम एंटी-भू माफिया पोर्टल में सूचीबद्ध करने पर विचार किया गया है।

Samajwadi Party Azam Khan land grabbing case, to be listed as land mafia on UP anti-land grabbing po

आजम खां सपा सरकार के समय यूपी के सबसे ताकतवर लोगों में से थे | PTI File

आजम का ड्रीम प्रोजेक्ट है मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय
आजम खां के ड्रीम प्रोजेक्ट, मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की परिकल्पना 2004 में एक निजी उर्दू विश्वविद्यालय के रूप में की गई थी। सपा के उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने के बाद विश्वविद्यालय परिसर का निर्माण तेजी से शुरू हुआ। साल 2012 में, अखिलेश यादव सरकार ने आजम खां को विश्वविद्यालय का आजीवन कुलाधिपति बनाए जाने को मंजूरी दी थी। इस कदम का उत्तर प्रदेश के राज्यपाल ने विरोध किया था।

समर्थक बोले, जानबूझकर बनाया जा रहा निशाना
इस बीच, आजम खान के समर्थकों का कहना है कि उनके नेता को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि वह जिले में विपक्ष की एकमात्र आवाज हैं और सांसद के तौर पर मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते रहते हैं। लखनऊ में समाजवादी पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, ‘उनके खिलाफ कार्रवाई उचित नहीं है। उन्होंने अपने निजी इस्तेमाल के लिए कोई जमीन नहीं ली।’ सपा के एक अन्य नेता का कहना है कि यह आजम की छवि खराब करने की कोशिश है, जिन्होंने रामपुर में उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय की स्थापना की है। (एजेंसियों से इनपुट्स के साथ)

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