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Saifai Panchayat Chunav: निर्विरोध निर्वाचन की परंपरा पर लगा ब्रेक, रामफल बाल्मीकि के हाथ मुलायम परिवार की साख

मुलायम सिंह यादव के भाई राजपाल सिंह की अगुवाई सैफई में रामफल बाल्मीकि को मैदान में उतारा गया, जो कि दर्शन सिंह की तरह ही मुलायम परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: May 02, 2021 11:20 IST
 saifai panchayat chunav result will ramphal balmiki to save reputation of mulayam family- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO  saifai panchayat chunav result will ramphal balmiki to save reputation of mulayam family

इटावा। उत्‍तर प्रदेश पंचायत चुनाव की मतगणना (UP Panchayat Chunav Results) शुरू हो गई है और कुछ घंटों बाद परिणाम भी आने लगेंगे। इस बीच उप्र के इटावा की सैफई पंचायत को लेकर हर तरफ चर्चा है। दरअसल समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के गांव सैफई (Safai) में प्रधान पद के लिए पहली बार मतदान हुआ है। हालांकि दलित जाति के लिए आरक्षित होने के बाद सभी ने एकमत होकर नेताजी के करीबी बुजुर्ग रामफल बाल्मीकि को प्रधान पद के लिए तय कर लिया था, लेकिन एक अन्य महिला विनीता ने नामांकन कर सैफई में निर्विरोध निर्वाचन की परंपरा पर ब्रेक लगा दिया। यही वजह है कि सैफई में 19 अप्रैल को न सिर्फ मतदान हुआ बल्कि आज मतगणना का काम शुरू हो चुका है। अब देखने वाली बात है कि क्‍या रामफल बाल्मीकि मुलायम सिंह यादव कुनबे की साख बचा पाएंगे?

समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी मानें जाने वाले रामफल बाल्मीक को प्रधान बनाने के लिए 19 अप्रैल को मतदान हुआ था, जिसमें बड़ी संख्या में गांव वालों ने हिस्सा लिया था। यही नहीं, लोगों ने मतदान के बाद दावा किया था कि सैफई के अगले प्रधान रामफल बाल्मिकी ही होंगे।

निर्विरोध निर्वाचन की परंपरा पर लगा ब्रेक

उप्र पंचायत चुनाव 2021 के दौरान सैफई में प्रधान चुनने के लिए 19 अप्रैल को मतदान हुआ। हालांकि इससे पहले कभी भी सैफई गांव में प्रधान पद के लिए मतदान नहीं हुआ था। हमेशा से निर्विरोध प्रधान निर्वाचित होता रहा था।  दरअसल 1971 से लगातार प्रधान बनते आ रहे दर्शन सिंह यादव का पिछले साल निधन होने के साथ न सिर्फ मुलायम सिंह परिवार को बड़ा झटका लगा बल्कि आरक्षण के तहत यह सीट दलित जाति के खाते में चली गई। हालांकि मुलायम सिंह यादव के भाई राजपाल सिंह की अगुवाई सैफई में रामफल बाल्मीकि को मैदान में उतारा गया, जो कि दर्शन सिंह की तरह ही मुलायम परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं।

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