सहारनपुर (उप्र): कथित रूप से इस्लाम में परिवर्तित किए गए हजार लोगों की सूची में उनता नाम गलत तरीके से शामिल होने से सहारनपुर के प्रवीण कुमार जीवन नरक बन गया है। उन्हें अपना सम्मान वापस पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करनी है। सुप्रीम कोर्ट में अपना सच साबित करने के लिए वह सहारनपुर से 200 किमी की यात्रा पर पैदल ही चल पड़े है। हालांकि प्रवीण को पिछले महीने ही यूपी एटीएस ने क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन वह अब भी बहुत परेशान है।
प्रवीण ने बताया कि वह एक हिंदूवादी नेता है। उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर किताबें लिखी हैं। हिंदू राष्ट्रवादी होने के बावजूद उसका नाम धर्म परिवर्तन वाली लिस्ट में आने के बाद उसका सामाजिक बहिष्कार हो गया है। उसे लगातार धमकियां मिल रही हैं। प्रवीण ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि देश को पता चले कि मैं किस दौर से गुजर रहा हूं। एक दिन तो मैंने अपने घर के दरवाजे पर आतंकवादी लिखा हुआ पाया।'
मंगलवार को प्रवीण कुमार ने अपने 'विरोध मार्च' की शुरुआत की। बुधवार शाम तक वह 32 किमी चलकर मुजफ्फरनगर पहुंच गए थे। भोर में फिर से शुरू होने से पहले वह एक रेलवे स्टेशन पर रात बिताएंगे। 32 साल के प्रवीण को उम्मीद है कि वह 11 दिनों में अपनी यात्रा पूरी करेंगे।
एटीएस ने अब्दुल समद की तलाश में 23 जून को प्रवीण कुमार को पकड़ा। कथित धर्मांतरितों की लीक सूची में प्रवीण कुमार की तस्वीर और उस पर जानकारी के साथ एक प्रमाण पत्र था। इस प्रमाणपत्र में लिखा था कि प्रवीण कुमार ने इस्लाम धर्म अपना लिया था और अब वह अब्दुल समद हैं।