लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने उच्च मामलों वाले राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए अपनी आरटी-पीसीआर की निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है। बता दें कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण की दर 3% से ज्यादा है वहां से यूपी में दाखिल होने के लिए निगेटिव कोरोना रिपोर्ट चाहिए होगी और रेपिड टेस्ट नहीं बल्कि आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाने को कहा गया है। रिपोर्ट चार दिन से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। जिन लोगों को टीके की दोनों खुराक दी गई है, उन्हें इस शर्त से छूट दी जाएगी। बता दें कि दिल्ली में पॉजिटिविटी रेट 0.7 फीसदी है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार यह नियम न केवल हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आने वाले लोगों पर बल्कि निजी वाहनों से आने वालों पर भी लागू होगा।
यह विकास एक दिन बाद आया जब यूपी सरकार ने महामारी के मद्देनजर कांवड़ एसोसिएशन के एक आह्वान के बाद प्रस्तावित 'कांवड़ यात्रा' को स्थगित करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि समुदाय को आस्था से जुड़े मुद्दों पर फैसला लेना चाहिए। उन्होंने कहा, 'कांवड़ संघ की भावना का सम्मान किया जाना चाहिए।' इस बीच यूपी में पिछले 24 घंटों में 56 नए मामले सामने आए और 69 ठीक हुए।
आरटी-पीसीआर रिपोर्ट को अनिवार्य बनाने का निर्णय महाराष्ट्र और केरल के कुछ शहरों में उच्च पॉजिटिविटी दर के बीच आया है। रिपोर्ट के अनुसार, कोल्हापुर, सतारा, सांगली, सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, बुलढाणा, पुणे (ग्रामीण), पालघर और रायगढ़ में परीक्षण पॉजिटिविटी दर 4.5 प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई है। इसी तरह, केरल में पॉजिटिविटी दर लगभग 10 प्रतिशत के आसपास है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उच्च पॉजिटिविटी दर वाले राज्यों से आने वाले लोगों के संपर्क ट्रेसिंग और परीक्षण सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यूपी आने पर इन लोगों का एंटीजन टेस्ट और थर्मल स्कैनिंग किया जाना चाहिए।