लखनऊ: उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मतगणना मंगलवार को होगी, और प्रशासन की तरफ से सुचारू मतगणना के लिये व्यापक इंतजाम किये गए हैं। इन सीटों पर तीन नवंबर को उप-चुनाव हुआ था। उपचुनाव में औसतन 53 फीसदी मतदाताओं ने 88 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया था। जिन सीटों पर उपचुनाव हुआ था उनमें नौगांव सादात, टुंडला, बांगरमउ, बुलंदशहर, देवरिया, घाटमपुर और मल्हनी विधानसभा सीटें शामिल है। इस बीच सोमवार को उपचुनाव के नतीजे आने से एक दिन पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने उपचुनाव में धांधली की है।
उन्होंने कहा कि परिणाम आने के बाद वह मीडिया को कुछ ऐसे वीडियो दिखायेंगे जिसमें मतदाताओं को निकलने से रोका जा रहा है। अखिलेश यादव ने सोमवार को एक पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया, ''राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने धांधली, धोखे और प्रशासन के माध्यम से जो कुछ कर सकती है, किया है। सरकार ने यह व्यवस्था की थी कि वोट निकल कर न आ जायें, इसके बारे में विस्तार से जानकारी 10 नवंबर को उपचुनाव का परिणाम आने के बाद देंगे।''
मतगणना से एक दिन पहले अखिलेश यह आरोप लगा रहे हैं लेकिन मतदान के दिन तीन नवंबर को सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने एक बयान में कहा था कि मतदान का रूझान यह दर्शा रहा कि उनकी पार्टी सभी विधानसभा सीटों पर चुनाच जीतेंगी। पिछली बार इन सात में से मल्हनी सीट सपा के पास थी जबकि छह सीटों पर भाजपा का कब्जा था।
तीन नवंबर को सातों सीटों के लिए हुये उपचुनाव में निर्दलीय समेत कुल 88 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें सर्वाधिक 18 प्रत्याशी बुलंदशहर सीट पर हैं। जौनपुर जिले की मल्हनी सीट पर 16 उम्मीदवार आमने-सामने हैं। अमरोहा जिले की नौगांव-सादात सीट और देवरिया सीट पर 14-14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
इसके अलावा फिरोजाबाद की टूंडला और उन्नाव की बांगरमऊ सीट पर 10-10 उम्मीदवार मैदान में हैं, जबकि कानपुर की घाटमपुर विधानसभा सीट पर सबसे कम छह उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इन सबकी किस्मत का फैसला मंगलवार को होगा । गौरतलब है कि राज्य सरकार में मंत्री रहे पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान के निधन से रिक्त हुई नौगांव-सादात सीट पर भाजपा से उनकी पत्नी संगीता चौहान, कांग्रेस से कमलेश सिंह, सपा से जावेद अब्बास, बसपा से फुरकान और राकांपा से हशमत अली समेत अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
राज्य सरकार में मंत्री कमल रानी वरुण के निधन के रिक्त हुई घाटमपुर सीट पर भाजपा से उपेंद्र नाथ पासवान, सपा से इंद्रजीत कोरी, बसपा से कुलदीप संखवार और कांग्रेस से डॉ कृपा शंकर उम्मीदवार हैं। विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के मुख्य सचेतक रहे वीरेंद्र सिंह सिरोही के निधन के बाद भाजपा ने बुलंदशहर सीट पर सिरोही की पत्नी ऊषा सिरोही, बसपा ने मोहम्मद युनूस, कांग्रेस ने सुशील चौधरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने योगेंद्र शंकर शर्मा, आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन ने दिलशाद अहमद और राष्ट्रीय लोकदल ने प्रवीण कुमार सिंह को मौका दिया है।
समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर राष्ट्रीय लोकदल को समर्थन दिया है। उन्नाव की बांगरमऊ सीट पर कांग्रेस से आरती बाजपेयी, बहुजन समाज पार्टी से महेश प्रसाद और भारतीय जनता पार्टी से श्रीकांत कटियार चुनाव मैदान में हैं, जबकि समाजवादी पार्टी ने यहां सुरेश कुमार पाल को मैदान में उतारा है।
बांगरमऊ सीट विधायक कुलदीप सेंगर के सजायाफ्ता होने से रिक्त हुई है। भाजपा विधायक जनमेजय सिंह के निधन से रिक्त हुई देवरिया सीट पर भारतीय जनता पार्टी से सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी, समाजवादी पार्टी से ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी, बहुजन समाज पार्टी से अभय नाथ त्रिपाठी और कांग्रेस से मुकुंद भाष्कर तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से अशोक यादव चुनाव मैदान में हैं।
देवरिया में भाजपा से टिकट न मिलने पर जनमेजय के पुत्र अजय प्रताप सिंह उर्फ पिंटू निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी के विधायक पारसनाथ यादव के निधन से रिक्त हुई मल्हनी सीट पर सपा ने लकी यादव, भारतीय जनता पार्टी ने मनोज कुमार सिंह, बहुजन समाज पार्टी ने जयप्रकाश दुबे, कांग्रेस ने राकेश मिश्र और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने सतीश चंद्र उपाध्याय को मौका दिया है।
मल्हनी सीट पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह भी किस्मत आजमा रहे हैं। भाजपा सरकार में मंत्री रहे एसपी सिंह बघेल के आगरा से सांसद बनने के बाद रिक्त हुई टूंडला सीट पर भाजपा से प्रेम पाल सिंह धनगर, समाजवादी पार्टी से महराज सिंह धनगर और बहुजन समाज पार्टी से संजीव चक मैदान में हैं। यहां कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन पहले ही निरस्त हो चुका है।