भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शहीद चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति की जगह पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाने का मामला फिर से गरमा गया है। क्योंकि, अब मूर्ति के वर्चस्व की लड़ाई में चंद्रशेखर आजाद के परपोत्र अमित आजाद उतर आए हैं। भोपाल पहुंचे चंदशेखर आजाद के परपोत्र अब आजाद की प्रतिमा के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। वहीं, अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाने को लेकर भाजपा इसे चंद्रशेखर आजाद का अपमान बता रही है।
दरअसल, कभी कांग्रेस के चाणक्य माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे अर्जुन सिंह की जयंती के मौके पर राज्य सरकार ने उनकी प्रतिमा उस जगह लगा दी जहां पर ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रखने के लिए चंद्रशेखर आजाद की लगी हुई मूर्ति को भाजपा शासन के दौरान 3 साल पहले हटाया गया था। चंद्र शेखर आजाद की वह मूर्ति भोपाल के बेहद पॉश इलाके न्यू मार्केट के तिराहे पर लगी हुई थी, जहां से उसे हटाकर एक कोने में रख दिया गया था।
पहले मध्य प्रदेश भाजपा ने इसका खुलकर विरोध किया। वहीं, चंद्र शेखर आजाद की प्रतिमा को हटाने को देश का अपमान बताकर आजाद के परपोते मैदान में आ गए है। अमित आजाद सरकार के इस फैसले के खिलाफ चंद शेखर आजाद की प्रतिमा के सामने बैठ गए। उनका मानना है विकास के लिए चंद शेखर आजाद की मूर्ति, जहां से हटाई गई थी वहां पर अर्जुन सिंह की मूर्ति लगाना गलत है।
दरअसल भाजपा शासनकाल में 9 साल पहले शहर के ट्रैफिक को बेहतर करने के लिए कई चौराहों का विकास किया गया था इसी कड़ी में बीच सड़क पर मौजूद तकरीबन 15 रोटरी या तो हटाई गई थी या छोटी की गई थी। इन्हीं रोटरी पर मौजूद 22 प्रतिमाओं को शिफ्ट कर अलग जगह दी गई थी। ट्रैफिक बाधित करने वाली ऐसी 22 मूर्तियों में चंद्रशेखर आजाद पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, महाराजा अग्रसेन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, झलकारी बाई समेत कई मूर्तियां शामिल थी।
इसी के चलते में भोपाल के न्यू मार्केट इलाके में पढ़ने वाली लिंक रोड क्रमांक एक पर ट्रैफिक व्यवस्थित करने के लिए रोटरी के साथ-साथ शहीद चंद्रशेखर आजाद की भी प्रतिमा हटाई गई थी। लेकिन, मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि ट्रैफिक को वहां पर कोई दिक्कत नहीं है और रही बात चंद शेखर आजाद के मूर्ति पर धरने पर बैठने की तो उन्हें आजाद की मूर्ति उस जगह से हटाने वाली तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के घर के सामने धरने पर बैठना चाहिए।
वहीं, भाजपा के पूर्व मंत्री शिवराज सिंह चौहान इस मामले पर खुल कर कमलनाथ सरकार से अपील की, कि मुख्यमंत्री कमलनाथ तत्काल इस मूर्ति को लेकर बात करें। आजाद के परिवार को धरने पर से उठाएं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है कि आजाद की प्रतिमा इसलिए यहां से हटाई गई थी ताकि यातायात पर दिक्कत ना हो, वहां पर मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की प्रतिमा लगाने का क्या औचित्य है।