लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कोरोना वायरस से जुड़ी एक बड़ी चेतावनी दी है। सरकार ने कहा है कि जो लोग राज्य द्वारा कोरोनावायरस को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों में सहयोग नहीं करेंगे और गलत सूचनाएं-अफवाहें फैलाकर समाज में डर का माहौल फैलाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी और उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है। यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोनावायरस प्रकोप के मद्देनजर इसकी रोकथाम संबंधी कदम उठाने के लिए संबंधित अधिकारियों को महामारी अधिनियम की धारा 3 के तहत शक्ति प्रदान की गई है।
‘यूपी में किसी को डरने की जरूरत नहीं’
उन्होंने कहा, ‘कोई भी ऐसा संदिग्ध जो कि परीक्षण कराने से मना करता है या प्रशासन से दूर भागता है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी जो ऐसे मरीजों को छुपाने की कोशिश करते हैं, स्वास्थ्य टीमों को गलत जानकारी देते हैं या उनके काम में रुकावट पैदा करते हैं। यदि जरूरत पड़ती है तो अपराधियों को कानून के मुताबिक जेल भी भेजा जाएगा।’ उन्होंने कहा कि राज्य में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी को भी डरने की कोई जरूरत नहीं है।
’20 मार्च को होगी स्थिति की समीक्षा’
मंत्री ने आगे कहा, ‘लोगों को सरकार द्वारा सुझाए गए एहतियाती कदम उठाने चाहिए। हम 20 मार्च को स्थिति की समीक्षा करेंगे और आगे के लिए निर्णय लेंगे। हमने 800 डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया है और राज्य के जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज में 1200 बेड आरक्षित किए हैं।’ मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण इलाकों समेत सभी जगह इस वायरस से बचाव को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चला रही है। योगी आदित्यनाथ की सरकार ने स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स, जिम, स्वीमिंग पूल, क्लब आदि पहले ही बंद किए जा चुके हैं। सरकार ने बड़ी सभाओं को भी रद्द कर दिया है।