शाहजहांपुर (उप्र): पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के बाद उनकी जल्द गिरफ्तारी की मांग करते हुए बुधवार को कहा कि अगर सरकार इंतजार कर रही है कि वह खुद ही मर जाए तो वह खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा लेगी। पीड़िता ने कहा कि मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान होने के तीसरे दिन भी ना तो बलात्कार और न ही शारीरिक शोषण की रिपोर्ट दर्ज की गई है और ना ही चिन्मयानंद को गिरफ्तार किया गया है।
उसने कहा कि ऐसे में सरकार अगर इंतजार कर रही है कि वह खुद मर जाए और उसके परिवार को कुछ हो जाए तो वह खुद पर मिट्टी का तेल छिड़ककर आग लगा लेगी। पीड़िता के पिता का कहना है कि मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान होने के बाद भी चिन्मयानंद को गिरफ्तार न करना और उसके विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज न करना कहां तक सही है। पिता ने कहा कि विशेष जांच दल (एसआईटी) भी उन्हें कोई जानकारी नहीं दे रहा है। ऐसे में वह अपनी बेटी और बेटे के साथ वकीलों से परामर्श करेंगे।
इस बीच चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने बताया कि चिन्मयानंद के स्वास्थ्य में हल्का सा सुधार हो गया है इसलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है। उधर वायरल वीडियो में पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के प्रकरण में पीड़िता से चर्चा करते हुए दिखने वाले संजय सिंह तथा उनके दो साथियों को एसआईटी ने रविवार को फिर पूछताछ के लिए बुलाया था, जिन्हें आज तक अपने पास ही रोक रखा है। एसआईटी ने स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय जिस जमीन पर बना है, उसके अभिलेख, खसरा खतौनी आदि मांगे हैं। इसके अलावा कुछ छात्रों का शैक्षिक रिकार्ड भी मांगा है।
गौरतलब है स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 24 अगस्त को एक वीडियो वायरल कर स्वामी चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण तथा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाए एवं उसे तथा उसके परिवार को जान का खतरा बताया था। इस मामले में पीड़िता के पिता की ओर से कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में स्वामी चिन्मयानंद के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया था लेकिन इससे एक दिन पहले स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपए रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज करा दिया था।
इसके बाद पीड़िता को राजस्थान से बरामद कर लिया गया और उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर उसे दिल्ली में शीर्ष अदालत के समक्ष पेश किया गया। शीर्ष अदालत के निर्देश पर एसआईटी मामले की जांच कर रही है।