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राकेश टिकैत ने की उत्तर प्रदेश में फसल खरीद में अनिमियतता की सीबीआई जांच की मांग

किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितता का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : August 05, 2021 22:09 IST
Rakesh Tikait alleges irregularities in crop procurement in UP, demands CBI probe
Image Source : PTI राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में एमएसपी पर फसलों की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाया। 

नयी दिल्ली: किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद में बड़े पैमाने पर अनियमितता का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया और सीबीआई जांच की मांग की। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता टिकैत ने दावा किया कि गेहूं सहित कई फसलें किसानों के बजाय बिचौलियों के माध्यम से खरीदी गई हैं और उनकी सरकारी रिकॉर्ड में जाली पहचान है। उत्तर प्रदेश में रामपुर जिले में ऐसी ही कथित अनिमियतता का दावा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मिल मालिक, बिचौलिए, प्रशासनिक अधिकारी और खरीद केंद्र संचालक इस घोटाले के लाभार्थी हैं।

गाज़ीपुर बॉर्डर पर प्रेस से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि उनके पास कथित अनियमितताओं के सबूत हैं और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से आरोपों की जांच कराने की मांग की। टिकैत का दावा है, “सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक देश भर के सिर्फ आठ फीसदी किसानों को ही एमएसपी का लाभ मिल रहा है। इन आठ फीसदी में से भी 40 फीसदी किसानों की पहचान जाली है।” उन्होंने एक बयान में कहा, “दरअसल, देश में आठ फीसदी किसानों को भी एमएसपी नहीं मिल रहा है। एमएसपी के नाम पर देश में सरकार किसानों को लूट रही है।”

किसान नेता ने कहा कि एमएसपी आधिकारिक तौर पर 23 फसलों के लिए घोषित की गई है, लेकिन केवल दो या तीन फसलों पर ही एमएसपी दी जाती है। उन्होंने दावा किया कि बिहार और दक्षिणी राज्यों में धान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर बेचा गया है। टिकैत का आरोप है, “उत्तर प्रदेश में गेहूं और धान की खरीद संगठित तरीके से सांठगांठ करके की जाती है। किसानों से एमएसपी पर फसलों की खरीद का सरकार का दावा एक छलावे से ज्यादा कुछ नहीं है। उत्तर प्रदेश में किसानों से गेहूं नहीं खरीदा गया है।” 

बीकेयू प्रभावशाली किसान संगठन है जिसका मुख्यालय पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में है। वह संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा है जो दिल्ली की सीमाओं पर नवंबर 2020 से किसानों के प्रदर्शन की अगुवाई कर रहा है। किसान केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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