लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव का मुकाबला बेहद ही दिलचस्प हो गया है। यूपी की 10वीं सीट के लिए जारी घमासान के बीच बहुजन समाज पार्टी के विधायक अनिल सिंह ने कहा कि वह महाराज जी को अपना वोट देने जा रहे हैं। उनका इशारा साफ तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ था। यह पूछने पर कि क्या उनके अलावा अन्य विधायक भी भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार को अपना वोट देंगे, अनिल ने कहा, 'मैं महाराज जी को वोट देने जा रहा हूं। बाकी लोगों के बारे में नहीं जानता।' इसके बाद अनिल सिंह ने अपना वोट भी दे दिया।
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने अपना 9वां उम्मीदवार उतारकर राज्यसभा चुनाव का मुकाबला दिलचस्प बना दिया है। बीजेपी को उम्मीद है कि विपक्षी दलों की क्रॉस वोटिंग के सहारे उनके नौवें उम्मीदवार अनिल अग्रवाल की नैया पार हो जाएगी। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के दावों के उलट समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि बीजेपी के उम्मीदवार क्रॉस वोटिंग करेंगे। खास बात यह है कि राजा भैया और उनके समर्थक माने जाने वाले विधायक विनोद सरोज बहुजन समाज पार्टी की बजाय अपना वोट समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार जया बच्चन को देंगे।
राज्यसभा में जाने का यह है गणित
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए किसी प्रत्याशी को कम से कम 37 प्रथम वरीयता की वोटों की जरूरत है। राज्य की 403 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और अपना दल के पास कुल 324 सीटें हैं ऐसे में बीजेपी अपने 8 प्रत्याशियों को आसानी से चुनाव जिता सकती है। इसके बावजूद उसके पास 28 वोट बच जाएंगे। समाजवादी पार्टी के पास 47 विधायक हैं ऐसे में वह अपने एक प्रत्याशी को आसानी से जिता सकती हैं। इसके बावजूद उसके पास 10 वोट बच जाएंगे। बहुजन समाज पार्टी के पास 19 विधायक हैं और वह अपने दम पर किसी प्रत्याशी को राज्यसभा नहीं भेज सकती। इसके लिए उसे सपा के 10, कांग्रेस के 7 और राष्ट्रीय लोकदल के एक विधायक का समर्थन चाहिए।
यहां फंसता है BSP उम्मीदवार का पेंच
हालांकि हाल में ही सपा छोड़कर बीजेपी में गए नरेश अग्रवाल के बेटे और हरदोई से सपा विधायक नितिन अग्रवाल के बीजेपी को वोट देने की संभावना है। ऐसे में सपा का एक वोट कम हो जाएगा। इससे बसपा प्रत्याशी की जीत की राह मुश्किल हो जाएगी। वहीं, अब अनिल सिंह के भी बीजेपी के पाले में जाने के बाद बीएसपी उम्मीदवार भीमराव आंबेडकर की राज्यसभा की राह मुश्किल होती नजर आ रही है।