Tuesday, November 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. उत्तर प्रदेश
  4. लखीमपुर खीरी जाते वक्त प्रियंका गांधी के साथ क्या-क्या हुआ? इंडिया टीवी को खुद बताया

लखीमपुर खीरी जाते वक्त प्रियंका गांधी के साथ क्या-क्या हुआ? इंडिया टीवी को खुद बताया

लखीमपुर खिरी हिंसा पीड़ितों से मिलने जाते वक्त हिरासत में लिए जाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इंडिया टीवी से बातचीत की। जो-जो हुआ, उन्होंने उसके बारे में विस्तार में बताया।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 04, 2021 18:43 IST
लखीमपुर खीरी जाते वक्त प्रियंका गांधी के साथ क्या-क्या हुआ? इंडिया टीवी को खुद बताया- India TV Hindi
Image Source : PTI लखीमपुर खीरी जाते वक्त प्रियंका गांधी के साथ क्या-क्या हुआ? इंडिया टीवी को खुद बताया

नई दिल्ली/लखनऊ: लखीमपुर खिरी हिंसा पीड़ितों से मिलने जाते वक्त हिरासत में लिए जाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इंडिया टीवी से बातचीत की। जो-जो हुआ, उन्होंने उसके बारे में विस्तार में बताया। उन्होंने कहा, "लखनऊ में जहां मैं रहती हूं, उस आवास से कांग्रेस का ऑफिस 10 मिनट की दूसरी पर है, मैं वहां के लिए अपनी गाड़ी में बैठकर निकली तो गेट के बाहर पुलिस खड़ी थी। काफी बड़ी तादाद में पुलिस खड़ी खड़े थे, महिलाएं थीं और उनके पीछे पुरुष भी थे। उन्होंने गाड़ी को घेरा और कहा कि आप आगे नहीं बढ़ सकते। तो मैं गाड़ी से उतरी और मैंने पूछा कि आगे क्यों नहीं बढ़ सकते, क्या आपके पास कोई आर्डर है, कोई कागज दिखाइए, कैसे रोक सकते हैं? हम तो सिर्फ अपने ऑफिस जाना चाहते हैं।"

प्रियंका गांधी ने बताया, "उन्होंने (पुलिस) ना कोई कागज दिखाया, मैंने उनसे अफसर के बारे में पूछा तो कोई अफसर भी आगे नहीं आया, फिर मैंने कहा कि ठीक है अगर गाड़ी को आगे नहीं बढ़ने देंगे तो मैं पैदल निकल गई, पैदल आगे निकलकर मैंने किसी और की गाड़ी में बैठकर फिर डिसाइड किया कि लखीमपुर ही चलते हैं। ओरिजिनली मेरा प्रोग्राम था कि सुबह लखीमपुर खीरी जाऊंगी लेकिन मुझे पता चल गया कि यह लोग जाने नहीं देंगे, तो मैं गाड़ी में बैठी और लखीमपुर के लिए रवाना हो गई। कुछ दूरी पर टोल का जो गेट है, वहां पर भी उन्होंने पूरा ब्लॉक कर रखा था और वहां पर रोक कर कहा कि आप आगे नहीं बढ़ सकते। इस तरह से दो-तीन बार हुआ।

उन्होंने बताया, "उसके बाद हमनें एक कच्चा रास्ता ले लिया और पुलिस वाले गुम गए, वह हमारे पीछे नहीं दिखे। तो फिर हम उस कच्चे रास्ते से, गांव से होकर आगे बढ़े और तकरीबन दो-तीन घंटे गांव के रास्ते पर ही चल के हम लखीमपुर की तरफ जब हम आए तो सीतापुर और लखीमपुर के बॉर्डर से तकरीबन 10-15 किलोमीटर पहले लखीमपुर की तरफ जाते हुए बहुत सारी पुलिस की जीप मिलीं, हम एक ही गाड़ी में सिर्फ 5 लोग थे। पुलिस ने गाड़ी को घेरा, गाड़ी की चाबी ले ली और कहा कि आप आगे नहीं बढ़ सकते। तो फिर से मैंने उनसे पूछा कि कौनसी धारा है तो उन्होंने बताया की 144 धारा है जो कि एक्चुअली मेरी जानकारी में सीतापुर में लागू भी नहीं है।

प्रियंका गांधी ने इंडिया टीवी से कहा, "फिर भी मैंने कहा कि हम 144 धारा का उल्लंघन तो कर नहीं रहे हैं, 5 लोग हैं आप अगर चाहें तो हम 4 गाड़ियों में बैठकर निकल जाएं और कोई तो है नहीं, तो जब मैंने थोड़ा सा रिजिस्ट किया तो मेरे इर्द-गिर्द जो महिला पुलिसकर्मी थी, 8-10 महिलाओं ने अपने हाथों से चैन लिंक बनाई और मुझे पास से गिरा और आग मुझे आगे बढ़ने से रोकने की कोशिश की। उन्होंने भी मुझे थोड़ा पुछ किया और मुझे चलने नहीं दे रहे थे। उन्होंने फिर जो मेरे साथ थे, दीपेंद्र हुड्डा जी और जो दूसरे साथी थे, उनको उन्होंने खींचा और गाड़ी में ठूंसने की जबरदस्ती करने की कोशिश की, उनको हड़काया भी, एक साथी को घूसे भी मारे।"

प्रियंका गांधी ने बताया, "तो जो आप गुस्सा देख रहे थे, वह यही गुस्सा था कि आपके पास कोई ऑर्डर नहीं है, वारंट नहीं है, कोई लीगल आधार भी नहीं है, आप मुझे बता भी नहीं पा रहे हैं कि मुझे क्यों रोक रहे हैं और फिर भी आप इस तरह की जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहे हैं। फिर जब मैंने थोड़ा सा डांटा तो फिर से उन्होंने घेरा मुझे और जबरदस्ती करके मुझे गाड़ी में डालने की कोशिश की। तो मैंने फिर डांटा कि आप पुलिस के कर्मी तो है लेकिन आपके पास कोई लीगल ऑर्डर नहीं है, तो जो आप कर रहे हैं वह अपहरण होगा और बहुत सारी धाराएं आप पर लग सकती हैं।"

प्रियंका गांधी ने बताया, "धक्का-मुक्की हुई, फिर अंत में मैंने कहा कि मुझे बताओ कि अरेस्ट करना है तो करो, अगर अरेस्ट करोगी तो मैं चुपचाप चलूंगी आपके साथ लेकिन बिना किसी गिरफ्तारी के, बिना किसी वारंट के, कैसे रोक सकते हैं, कैसे हमें मार सकते हैं और रप व्यव्हार कर सकते हैं। फिर उन्होंने कहा कि आपको हम अरेस्ट कर रहे हैं और सेक्शन 151 के तहत अरेस्ट कर रहे हैं। मुझे 4 पुलिसकर्मियों के साथ जीप में डाला, कोई अपसर मेरे साथ नहीं आया, कोई सुरक्षा भी नहीं थी, कोई मेरा साथी भी नहीं था। उनको उन्होंने गाड़ी से धकेल दिया कि उतर जाओ। और, मुझे सीतापुर के पीएसी में ले आए।"

Latest Uttar Pradesh News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Uttar Pradesh News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement