लखनऊ: आगरा: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आगरा में दलित सफाईकर्मी अरुण वाल्मीकि के परिवार वालों से बुधवार को मुलाकात की। अरुण वाल्मीकि की पुलिस कस्टडी में पिटाई से मौत का आरोप है। प्रियंका गांधी ने अरुण वाल्मीकि के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। इससे पहले उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बार फिर से प्रियंका को हिरासत में ले लिया था, लेकिन बाद में आगरा जाने की इजाजत दे दी। पुलिस ने उन्हें लखनऊ में ही हिरासत में लिया था और उन्हें पुलिस लाइन ले जाया गया था। बाद में कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने बताया कि पुलिस ने प्रियंका को 4 लोगों के साथ आगरा जाने की इजाजत दे दी है।
प्रियंका को रोके जाने की खबर सुनते ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पहुंच गये थे और सरकार विरोधी नारेबाजी करने लगे थे। प्रियंका गांधी ने अपने ट्वीट संदेश में कहा, 'अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई। उनका परिवार न्याय मांग रहा हैं। मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं। उत्तर प्रदेश सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है। आज भगवान वाल्मीकि की जयंती हैं। प्रधानमंत्री ने महात्मा बुद्ध पर बड़ी बातें कीं, लेकिन वह उनके संदेशों पर हमला कर रहे है।' इस बीच, कुशीनगर हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका को रोके जाने की बाबत पूछे गए सवाल पर कहा, 'कानून व्यवस्था सर्वोपरि है कानून के साथ खिलवाड़ किसी को नहीं करने दिया जायेगा।'
इससे पहले प्रियंका गांधी जब आगरा के लिए रवाना हुईं थी तो उनके काफिले को आगरा एक्सप्रेसवे के एंट्री प्वाइंट पर रोका गया था, काफिला रोके जाने को लेकर प्रियंका गांधी ने कड़ी आपत्ति जताई थी, उस समय प्रियंका गांधी ने कहा था, 'मुझे आगरा जाने से किस कारण रोका है तो यही जानें, सिर्फ कांग्रेस के ऑफिस तक जाने की अनुमति है मुझे, कहीं भी जाने की कोशिश करती हूं तो रोक देते हैं, भगवान जाने क्यों ये लोग तमाशा करना चाहते हैं, मैने तो कहा है कि मैं जाऊंगी इंतजार करने के लिए तैयार हूं, हर बार बोलते हैं 144 लागू है कानून व्यवस्था का मसला है।'