नई दिल्ली। लखनऊ में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ पुलिस द्वारा कथित तौर पर धक्कामुक्की किए जाने के बाद उनके कार्यालय ने शनिवार को सीआरपीएफ महानिदेशालय को पत्र लिखकर इस मामले में कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया। प्रियंका के कार्यालय ने इस मामले में सीआरपीएफ महानिदेशालय में आईजी प्रदीप कुमार सिंह को पत्र लिखकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी।
इस पत्र में प्रियंका के कार्यालय ने लखनऊ में पुलिस अधिकारी अभय मिश्रा पर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि इस गैरकानूनी व्यवहार के मामले में कार्रवाई हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि आगे ऐसा नहीं हो। दरअसल, गांधी परिवार को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है। उनके आसपास सीआरपीएफ जवानों का सुरक्षा घेरा होता है।
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और सह-प्रभारी धीरज गुर्जर ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने गैरकानूनी काम किया है। उन्होंने कहा, ''जब प्रियंका जी पूर्व आईपीएस अधिकारी से मिलने जा रही थीं तो फिर आप उन्हें कैसे रोक सकते हैं। पुलिस का कदम गैरकानूनी है।"
गौरतलब है कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को कथित तौर पर पुलिस के रोकने पर नए नागरिकता कानून के खिलाफ हाल में हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी के घर पैदल ही पहुंच गयीं।
प्रियंका, प्रदेश मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने के बाद नए नागरिकता कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के मामले में गिरफ्तार किए गए सेवानिवृत्त आईपीएस अफसर एस.आर.दारापुरी के परिजनों से मुलाकात करने के लिए बाहर निकलीं। पुलिस द्वारा कथित तौर पर रोके जाने पर प्रियंका गांधी ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस ने उन्हें बेवजह रोका। उनका गला दबाकर उन्हें रोका गया।
पुलिस ने प्रियंका के आरोपों को गलत बतायाहालांकि पुलिस ने प्रियंका के आरोपों को गलत बताया है। पुलिस क्षेत्राधिकारी अर्चना सिंह ने अपने उच्चाधिकारियों को दी गई सूचना में कहा है कि प्रियंका के कार्यक्रम में उनकी ड्यूटी फ्लीट प्रभारी के रूप में लगाई गई थी। प्रियंका गोखले मार्ग स्थित कौल हाउस के लिए रवाना हुई थी, मगर उनकी गाड़ी निर्धारित मार्ग से ना जाकर लोहिया पथ की तरफ जाने लगी। इस पर उनसे पूछा गया कि वह कहां जाना चाहती हैं।
अर्चना ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रियंका के गंतव्य के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया। उसके बाद प्रियंका गाड़ी से उतरकर कार्यकर्ताओं के साथ पैदल चलने लगीं। गला पकड़ना और गिराना आदि जैसी कुछ भ्रामक बातें सोशल मीडिया पर प्रसारित की जा रही हैं, जो बिल्कुल झूठ हैं।