लखनऊ। बिजली का बिल चुकाने के मामले में राजनेताओं और अधिकारियों के खराब रिकॉर्ड के मद्देनजर ऊर्जा विभाग ने उनके यहां प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला किया है। प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राज्य में नेताओं और सरकारी अधिकारियों का रिकॉर्ड बिजली बिल भरने में बेहतर नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए उन सभी के सरकारी आवास पर प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए एक लाख प्रीपेड मीटर के ऑर्डर दे दिए गए हैं। जैसे-जैसे ये मीटर आते जाएंगे, सरकारी आवासों में लगते जाएंगे। सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भी अपने यहां प्रीपेड मीटर लगाने की अपील की जाएगी।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों और आधिकारिक आवासों पर करीब 13,000 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है। इसकी वसूली के लिए राज्य सरकार ने किस्तों में भुगतान का विकल्प दिया है। बिजली चोरी रोकने के प्रयासों का जिक्र करते हुए शर्मा ने बताया कि प्रदेश में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पांचों डिस्कॉम के तहत 75 थाने खोले जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने 2,050 पदों का सृजन किया है। अब तक 68 थाने खुल चुके हैं। इनमें तैनात पुलिसकर्मियों के लिए वेतन और दूसरे खर्चों का भार पावर कॉरपोरेशन खुद उठाएगा।
उन्होंने बताया कि इन थानों के लिए 75 निरीक्षक, 375 उपनिरीक्षक, 675 मुख्य आरक्षी, 150 मुख्य आरक्षी कंसोल ऑपरेटर और 675 सिपाहियों के पद मंजूर किए गए हैं। इन थानों में तैनात पुलिसकर्मियों और अन्य कर्मचारियों का काम जिले के हर इलाके में बिजली चोरी को रोकना है।